MCD, BMC में संक्रण से मारे गए स्टाफ में अधिकतर सफाई कर्मचारी
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कोरोना संक्रमण से आम लोगों के साथ साथ बड़ी संख्या में फ्रंटलाइन वर्कर्स की भी मौत हुई है। ये लोग कड़े लॉकडाउन और जानलेवा बिमारी के बीच भी ड्यूटी पर तैनात थे। कोविड से मारे गए कर्मचारियों में भी बड़ा हिस्सा सफाई और वेस्ट मेनेजमेंट कर्मचारियों का है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि राजधानी दिल्ली के उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी नगर निगम में संक्रमण से मारे गए कुल स्टाफ में 50 से अधिक फीसदी सफाई कर्मचारी हैं। एक समाचार पत्र द्वारा तीनों नगर निगम से जुटाए गए डेटा में सामने आया कि कोरोना संक्रमण से दिल्ली नगर निगम के 94 कर्मचारी मारे गए हैं। इनमें से 49 सिर्फ सफाई कर्मचारी थे।
आंकड़ों के अनुसार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में संक्रमण से 29 कर्मचारियों की मौत हुई। इनमें से मारे जाने वाले 16 सफाई कर्मचारी थे। इस तरह पश्चिमी एमसीडी में 16 कर्मचारियों में से 8 और उत्तरी एमसीडी से 29 कर्मचारियों मे से 25 सफाई कर्मचारी थे। मौजूदा समय में 50,000 कर्मचारी स्थायी या अस्थायी तौर पर एमसीडी से जुड़े हैं।
ये कर्मचारी सामान्यतः कूड़ा इकट्ठा करने का काम करते हैं लेकिन महामारी के कारण इनसे सैनिटेशन का काम भी कराया जा रहा है था। बता दें कि ईस्ट दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने मारे गए सभी कर्मचारियों के लिए 10 लाख रूपये का मुआवज़े की घोषणा की है।
उधर देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाली मुंबई में भी कोरोना संक्रमण से मारे गए बृहन्मुम्बई नगर निगम या बीएमसी के अधिकतर कर्मचारी वेस्ट मेनेजमेंट विभाग से हैं। वहां 19 अप्रैल 2021 को संक्रमण से मारे गए कर्मचारियों का आंकड़ा 200 पार कर गया था। महामारी के कारण मारे गए कुल कर्मचारियों में से सबसे अधिक सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट विभाग से थे। इनकी संख्या 46 है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग का नंबर आता है जिसमें 38 कर्मचारियों की मौत संक्रमण से हुई है।
बता दें कि 11 मार्च 2020 को महाराष्ट्र में कोविड का पहला मामला दर्ज किया गया था तब से ही बीएमसी कर्मचारी फ्रंटलाइन पर तैनात हैं। एक वरिष्ठ सिविक अधिकारी ने कहा, “सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और स्वास्थ्य कर्मचारी कड़े लॉकडाउन के दौरान भी ड्यूटी पर रहे। उन्होंने अस्पतालों से भी वेस्ट इकट्ठा किया जबकि स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मरीजों का इलाज किया इसलिए सबसे अधिक मौत इन विभागों से हुई हैं।” महामारी का शिकार हुए बीएमसी के कुल कर्मचारियों मे से सिर्फ 67 के घर वालों को 50 लाख रूपये का मुआवज़ा जबकि 62 मृतकों के परिजन को बीएमसी में काम मिला है।
आपको बता दें कि ये आंकड़े 19 अप्रैल के हैं। इनमें ताज़ा अपडेट के लिए बीएमसी के हेडक्वॉर्टर से संपर्क किया गया लेकिन वहां से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी।
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