लॉकडाउन के चलते 2 लाख से ज़्यादा रेस्टोरेंट बंद, 30 से 35 लाख लोगों का रोजगार हुआ प्रभावित

वैसे तो कोरोना महामारी ने किसी को बक्शा नहीं है, लेकिन देश में सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री प्रमुख है। पिछले 15 महीनों में देश में दो लाख से ज़्यादा रेस्टोरेंट बंद हो गए हैं। इससे 30-35 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है। यह जानकारी नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट अनुराग कटरियार ने दी है।
बता दें कि कोरोना से पहले देश में रेस्टोरेंट इंडस्ट्री का सवा 4 लाख करोड़ रुपए का सालाना बिजनेस था, जो अब सवा लाख करोड़ का रह गया है। उनका कहना है कि उनकी एसोसिएशन के साथ 5 लाख से ज़्यादा रेस्टोरेंट जुड़े हैं। पहली लहर में लगभग 30% रेस्टोरेंट बंद हो गए, वहीं दूसरी लहर में भी 10% रेस्टोरेंट बंद हुए हैं। इस हिसाब से देखें तो कोरोना महामारी की वजह से देश में लगभग 2 लाख रेस्टोरेंट बंद हो चुके हैं। प्रत्यक्ष रूप से लगभग 73 लाख लोगों को इस इंडस्ट्री में रोजगार मिला हुआ था, जिसमें से लगभग आधे यानी 30 से 35 लाख लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है।
वहीं अगर पूरी रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में यह देखा जाए कि मुख्य रूप से कौन से सेगमेंट प्रभावित हुए हैं तो पता चलता है कि फाइन डाइनिंग पर कोरोना महामारी ने सबसे ज़्यादा चोट पहुँचाई है। इसके अलावा नाइट क्लब, बैंक्वेट हाल, बार पर भी काफी असर हुआ है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के तौर तरीको में बहुत बदलाव हुए हैं।अब न्यू नॉर्मल के तहत 50% ऑक्यूपेंसी के साथ काम हो रहा है वहीं अगर डिलीवरी बिजनेस की बात करें तो वह कुछ हद तक सर्वाइव कर रहा है। इन सबके बीच इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की स्विगी और जोमैटो से भी लड़ाई चल रही है और इसी वजह से उन्होंने ऑर्डर डायरेक्ट नाम का कैम्पेन भी शुरू किया है। इसमें वह ग्राहकों को लिंक भेजकर डायरेक्ट रेस्टोरेंट से ऑर्डर और डिलीवरी की सुविधा दे रहे हैं। इसके अलावा, एसोसिएशन का डिलीवरी एप पर भी काम चल रहा है। जानकारी के मुताबिक़ 40-50 हजार रेस्टोरेंट से टाई अप भी हो चुका है। एसोसिएशन का मानना है कि जो कमीशन हम स्विगी या जोमैटो को देते हैं, उसके बजाय हम ग्राहकों को ये फायदा देंगे तो ज़्यादा ग्राहक हमारे साथ जुड़ेंगे। वहीं इस मुश्किल दौर के बीच एसोसिएशन सरकारों से भी नाख़ुश सी लग रही है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और नगर पालिका सब उनके लिए नियम कायदे बनाते हैं, लेकिन राहत कोई भी नहीं देता।
वहीं अगर पूरी रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में यह देखा जाए कि मुख्य रूप से कौन से सेगमेंट प्रभावित हुए हैं तो पता चलता है कि फाइन डाइनिंग पर कोरोना महामारी ने सबसे ज़्यादा चोट पहुँचाई है। इसके अलावा नाइट क्लब, बैंक्वेट हाल, बार पर भी काफी असर हुआ है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट इंडस्ट्री के तौर तरीको में बहुत बदलाव हुए हैं।अब न्यू नॉर्मल के तहत 50% ऑक्यूपेंसी के साथ काम हो रहा है वहीं अगर डिलीवरी बिजनेस की बात करें तो वह कुछ हद तक सर्वाइव कर रहा है। इन सबके बीच इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की स्विगी और जोमैटो से भी लड़ाई चल रही है और इसी वजह से उन्होंने ऑर्डर डायरेक्ट नाम का कैम्पेन भी शुरू किया है। इसमें वह ग्राहकों को लिंक भेजकर डायरेक्ट रेस्टोरेंट से ऑर्डर और डिलीवरी की सुविधा दे रहे हैं। इसके अलावा, एसोसिएशन का डिलीवरी एप पर भी काम चल रहा है। जानकारी के मुताबिक़ 40-50 हजार रेस्टोरेंट से टाई अप भी हो चुका है। एसोसिएशन का मानना है कि जो कमीशन हम स्विगी या जोमैटो को देते हैं, उसके बजाय हम ग्राहकों को ये फायदा देंगे तो ज़्यादा ग्राहक हमारे साथ जुड़ेंगे। वहीं इस मुश्किल दौर के बीच एसोसिएशन सरकारों से भी नाख़ुश सी लग रही है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार और नगर पालिका सब उनके लिए नियम कायदे बनाते हैं, लेकिन राहत कोई भी नहीं देता।
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