20 साल में प्राकृतिक आपदाओं की तुलना में 16 महीने में कोरोना से ज़्यादा मौतें
संक्रमण की रफ़्तार तो चिंता की बात है लेकिन अब संक्रमण से हो रही मौतें ज़्यादा चिंताजनक है...

कोरोना संक्रमण से दुनियाभर में मौतों का आंकड़ा 30 लाख के पार पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले 20 साल में प्राकृतिक और स्वास्थ्य आपदाओं से हुई मौतों की तुलना में सबसे ज़्यादा है। दुनियाभर में कोरोना का कहर कमोबेश एक साल चार महीने से जारी है। कोविड संक्रमण 219 देशों में अपने पांव पसार चुका है और भारत समेत 8 ऐसे देश हैं जहां संक्रमण से मारे गए लोगों की संख्या दुनिया में संक्रमण से मारे गए लोगों की संख्या से लगभग आधी है।
कोविड ट्रैकिंग साइट वर्ल्डोमीटर के मुताबिक़ संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में 581,061 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। पिछले 14 महीने में ब्राज़ील में 373,442, मैक्सिको में 212,339, भारत में 178,793, ब्रिटेन में 127,270, इटली में 116,927, रूस में 105,582 और फ्रांस में 100,733 लोग संक्रमण की वजह से मारे गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वीकली दर्ज होने वाली मौतें इस साल जनवरी के महीने में बढ़े थे लेकिन फिर उसमें गिरावट भी देखी गई थी। हालांकि 10 मार्च से फिर मौतें बढ़ी हैं।
इस दौरान दुनियाभर में कोरोना से हुई मौतों की तुलना अगर वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक और स्वास्थ्य आपदाओं के घातक आंकड़ों से करें तो पता चलता है कि कोरोना ने ज़्यादा लोगों की जान ली हैं। डाउन टू अर्थ ने United Nations Office for Disaster Risk Reduction (UNODRR) के हवाले से बताया है कि साल 2000 से 2019 के बीच दस सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में 0.94 मिलियन यानि 9 लाख 40 हज़ार लोगों की मौत हुई थी। इनमें तीन मेगा नेचुरल डिजास्टर- 2004 का हिंद महासागर सुनामी, 2008 का म्यांमार में चक्रवात नरगिस और 2010 में हैती में आए भूकंप से हुई मौतें शामिल हैं। कोरोना की मृत्यु दर हाल ही में दुनियाभर में आन्य स्वास्थ्य संकटों से हुई मौतों के आंकड़ों से समझा जा सकता है। मसलन दुनियाभर में साल 2017, 2018 और 2019 के दौरान Acquired Immuno Deficiency Syndrome या AIDS से तीन साल की अवधि में 2.4 मिलियन यानि 24 लाख लोगों की मौत हुई। जबकि अकेले कोरोना से एक साल चार महीने के भीतर 30 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए। टीबी जैसी घातक बीमारी से भी दो साल में करीब 2.9 मिलियन यानि 29 लाख लोगों की मौत हो गई है।
इस दौरान दुनियाभर में कोरोना से हुई मौतों की तुलना अगर वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक और स्वास्थ्य आपदाओं के घातक आंकड़ों से करें तो पता चलता है कि कोरोना ने ज़्यादा लोगों की जान ली हैं। डाउन टू अर्थ ने United Nations Office for Disaster Risk Reduction (UNODRR) के हवाले से बताया है कि साल 2000 से 2019 के बीच दस सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में 0.94 मिलियन यानि 9 लाख 40 हज़ार लोगों की मौत हुई थी। इनमें तीन मेगा नेचुरल डिजास्टर- 2004 का हिंद महासागर सुनामी, 2008 का म्यांमार में चक्रवात नरगिस और 2010 में हैती में आए भूकंप से हुई मौतें शामिल हैं। कोरोना की मृत्यु दर हाल ही में दुनियाभर में आन्य स्वास्थ्य संकटों से हुई मौतों के आंकड़ों से समझा जा सकता है। मसलन दुनियाभर में साल 2017, 2018 और 2019 के दौरान Acquired Immuno Deficiency Syndrome या AIDS से तीन साल की अवधि में 2.4 मिलियन यानि 24 लाख लोगों की मौत हुई। जबकि अकेले कोरोना से एक साल चार महीने के भीतर 30 लाख से ज़्यादा लोग मारे गए। टीबी जैसी घातक बीमारी से भी दो साल में करीब 2.9 मिलियन यानि 29 लाख लोगों की मौत हो गई है।
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