वैक्सीन की दो डोज के बाद Covaxin के मुकाबले Covishield से बनती हैं ज़्यादा एंटीबॉडीज: स्टडी

कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ कौन सी वैक्सीन ज़्यादा असरदार है? किस वैक्सीन को लगवाना ज़्यादा अच्छा रहेगा? कौन सी वैक्सीन का साइड इफेक्ट सबसे कम है? कौन सी वैक्सीन ज़्यादा एंटीबॉडी बनाती है?
कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन लगवाने से पहले लोगों के मन में इसी तरह के तमाम सवाल उठ रहे हैं। हालांकि फिलहाल तो डॉक्टर यही सलाह दे रहे हैं कि आपको जो वैक्सीन पहले उपलब्ध हो जाए, उसे ही लगवा लीजिए, क्योंकि वैक्सीन कोई भी हो, आपको कोरोना के ख़तरे से ज़रूर बचाएगी। लेकिन हाल में हुई एक स्टडी ये ज़रूर बताती है कि एंटीबॉडी बनाने के मामले में कौन सी वैक्सीन ज़्यादा बेहतर साबित हुई है।
कोरोना वायरस वैक्सीन-इंड्यूस्ड एंडीबॉडी टाइट्रे (COVAT) की ओर से की गई शुरुआती स्टडी में इसका दावा किया गया है। स्टडी में 552 हेल्थकेयर वर्कर्स को शामिल किया गया था। स्टडी में दावा किया गया कि कोवीशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में सीरोपॉजिटिविटी रेट से लेकर एंटी-स्पाइक एंटीबॉडी की मात्रा कोवैक्सिन की पहली डोज लगवाने वाले लोगों की तुलना में काफी ज़्यादा थी। स्टडी में कहा गया कि दोनों डोज के बाद कोवीशील्ड और कोवैक्सिन दोनों का रिस्पॉन्स अच्छा है, लेकिन सीरोपॉजिटिविटी रेट और एंटी स्पाइक एंटीबॉडी कोवीशील्ड में अधिक है। पहली डोज के बाद ओवरऑल सीरोपॉजिटिविटी रेट 79.3% रहा। सर्वे में शामिल 456 हेल्थकेयर वर्कर्स को कोवीशील्ड और 96 को कोवैक्सिन की पहली डोज दी गई थी। स्टडी बताती है कि कोविशील्ड लगवाने वालों में 86.8 प्रतिशत एंटीबॉडी और कोवैक्सीन लगवाने वालों में 43.8 प्रतिशत एंटीबॉडी का निर्माण हुआ है। बता दें कि स्टडी में कुछ लोग वो भी थे जिन्हें कोरोना संक्रमण हो चुका था, वहीं कुछ ऐसे भी थे जो पहले इस वायरस के संपर्क में नहीं आए थे।
कोरोना वायरस वैक्सीन-इंड्यूस्ड एंडीबॉडी टाइट्रे (COVAT) की ओर से की गई शुरुआती स्टडी में इसका दावा किया गया है। स्टडी में 552 हेल्थकेयर वर्कर्स को शामिल किया गया था। स्टडी में दावा किया गया कि कोवीशील्ड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों में सीरोपॉजिटिविटी रेट से लेकर एंटी-स्पाइक एंटीबॉडी की मात्रा कोवैक्सिन की पहली डोज लगवाने वाले लोगों की तुलना में काफी ज़्यादा थी। स्टडी में कहा गया कि दोनों डोज के बाद कोवीशील्ड और कोवैक्सिन दोनों का रिस्पॉन्स अच्छा है, लेकिन सीरोपॉजिटिविटी रेट और एंटी स्पाइक एंटीबॉडी कोवीशील्ड में अधिक है। पहली डोज के बाद ओवरऑल सीरोपॉजिटिविटी रेट 79.3% रहा। सर्वे में शामिल 456 हेल्थकेयर वर्कर्स को कोवीशील्ड और 96 को कोवैक्सिन की पहली डोज दी गई थी। स्टडी बताती है कि कोविशील्ड लगवाने वालों में 86.8 प्रतिशत एंटीबॉडी और कोवैक्सीन लगवाने वालों में 43.8 प्रतिशत एंटीबॉडी का निर्माण हुआ है। बता दें कि स्टडी में कुछ लोग वो भी थे जिन्हें कोरोना संक्रमण हो चुका था, वहीं कुछ ऐसे भी थे जो पहले इस वायरस के संपर्क में नहीं आए थे।
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