पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP की बढ़त के मुख्य कारण !
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पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 का रिजल्ट लगभग आ चुके हैं जिसके मुताबिक आम आदमी पार्टी 92 सीटों से आगे हैं और दिलचस्प बात यह हैं कि 2017 का चुनाव जीतने वाली कांग्रेस को इस बार 59 सीटों का भारी नुकसान हुआ हैं।
इस बार पंजाब, खासकर मालवा के लोगों ने बदलाव के पक्ष में वोट किया हैं। वही दूसरी ओर AAP का नारा “क्या बार ना खां ढोखा, भगवंत मान ते केजरीवाल नू देवांगे मौका (हम इस बार मूर्ख नहीं बनेंगे, भगवंत मान और केजरीवाल को मौका देंगे)” जिसने पुरे राज्य के मतदाताओं को प्रभावित क्या।
AAP सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली शासन मॉडल के चार स्तंभ यानी सस्ते दर पर सरकारी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी ने पंजाब के मतदाताओं को प्रभवित किया। एक ऐसा राज्य जहा हमेशा से बिजली के ऊंचे दर की समस्या रही है, और जहां स्वास्थ्य और शिक्षा का ज्यादातर निजीकरण किया गया था, वहां अरविन्द केजरीवाल के दिल्ली साशन मॉडल के बारे में सुनकर सभी मतदाता प्रभावित हुए और उन्होंने AAP के हित में मतदान किया। पंजाब में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और शिक्षा और रोजगार को बढ़ावा देने के केजरीवाल के वादों को सुनकर युवाओं ने जमकर AAP का समर्थन किया। इसी तरह, राज्य में महिलाओं के खातों में हर महीने 1,000 रुपये की राशि जमा करने के AAP के वादे ने महिला मतदाताओं को प्रभवित किया, हालांकि कई लोगों ने स्वीकार किया कि ऐसे वादे मतदान मिलने के बाद तोड़ दिए जाते हैं। भगवंत मान, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषणा से पार्टी को बाहरी टैग से छुटकारा पाने में मदद मिली, जो उनके प्रतिद्वंद्वियों ने उन्हें दिया था। अपने राजनीतिक और सामाजिक व्यंग्य से कई पंजाबियों के दिल में जगह बनाने वाले लोकप्रिय कॉमेडियन भगवंत मान, साफ-सुथरी और किसी भी पारंपरिक राजनेता के विपरीत हैं।
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