दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड छोड़ पूरे देश में आज किसानों का चक्का जाम, पुलिस ने कड़े किये सुरक्षा इंतज़ाम

कृषि कानूनों की वापसी की माँग को लेकर आज दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में चक्काजाम होगा। दोपहर 12 से 3 के बीच होने वाले इस चक्काजाम के दौरान एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी ज़रूरी सेवाओं को छूट रहेगी।
किसानों की नाराज़गी की वजह आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया भी है। धरनास्थलों पर कील और तारों की बाड़बंदी और इंटरनेट बंद किये जाने से वे ख़ासे ख़फ़ा हैं। उनका कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान नहीं चाहती। एक फरवरी को पेश किए बजट में भी किसानों की मांग की अनदेखी करने का आरोप लगाये जा रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि 26 जनवरी की रैली के बाद से कई किसानों के ट्रैक्टर ज़ब्त कर लिए गए हैं। तमाम लोगों को बेवजह गिरफ्तार किया गया है। इस चक्काजाम में ये सभी मुद्दे शामिल हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली में कोई चक्काजाम नहीं होगा। दिल्ली में राजा ने ख़ुद किलेबंदी कर रखी है। वहां किसानों को चक्काजाम करने की ज़रूरत ही नहीं है। इसके अलावा यूपी और उत्तराखंड में भी चक्काजाम नहीं होगा। वहाँ तहसील और ज़िला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन दिये जायेंगे। एक न्यज़ एजेंसी को राकेश टिकैत ने यह भी बताया कि उनके पास पुख़्ता सबूत हैं कि कुछ लोग यूपी और उत्तराखंड में किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए हिंसा फैलाने की साज़िश रच रहे थे। ऐसे में आंदोलन का स्वरूप बदल दिया गया है। इन दोनों राज्यों के एक लाख किसान बैकअप में तैयार हैं और ज़रूरत पड़ते ही दिल्ली बार्डर पहुँच जायेंगे।
इस आंदोलन का संचालन कर रहे 40 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इस दौरान गाड़ियों को चलने नहीं दिया जाएगा। सभी नेशनल और स्टेट हाइवे को जाम किया जाएगा।The 'Chakka Jam' on 6th February to last from 12-3 pm, all national & state highways across the country will be blocked. Emergency and essential services, like ambulance and school bus, will not be stopped. Chakka Jam will be peaceful: Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) February 5, 2021
किसानों की नाराज़गी की वजह आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया भी है। धरनास्थलों पर कील और तारों की बाड़बंदी और इंटरनेट बंद किये जाने से वे ख़ासे ख़फ़ा हैं। उनका कहना है कि सरकार इस समस्या का समाधान नहीं चाहती। एक फरवरी को पेश किए बजट में भी किसानों की मांग की अनदेखी करने का आरोप लगाये जा रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि 26 जनवरी की रैली के बाद से कई किसानों के ट्रैक्टर ज़ब्त कर लिए गए हैं। तमाम लोगों को बेवजह गिरफ्तार किया गया है। इस चक्काजाम में ये सभी मुद्दे शामिल हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली में कोई चक्काजाम नहीं होगा। दिल्ली में राजा ने ख़ुद किलेबंदी कर रखी है। वहां किसानों को चक्काजाम करने की ज़रूरत ही नहीं है। इसके अलावा यूपी और उत्तराखंड में भी चक्काजाम नहीं होगा। वहाँ तहसील और ज़िला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन दिये जायेंगे। एक न्यज़ एजेंसी को राकेश टिकैत ने यह भी बताया कि उनके पास पुख़्ता सबूत हैं कि कुछ लोग यूपी और उत्तराखंड में किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए हिंसा फैलाने की साज़िश रच रहे थे। ऐसे में आंदोलन का स्वरूप बदल दिया गया है। इन दोनों राज्यों के एक लाख किसान बैकअप में तैयार हैं और ज़रूरत पड़ते ही दिल्ली बार्डर पहुँच जायेंगे।
26 जनवरी के बाद किसानों का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है और गणतंत्र दिवस के उपद्रव से सीखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा काफ़ी सतर्कता बरत रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सिंघु और टिकरी बॉर्डर से इस पूरे चक्काजाम को कोऑर्डिनेट करेंगे। राकेश टिकैत ने ये भी बताया कि 12 से 3 बजे तक चलने वाले चक्काजाम के दौरान जिन गाड़ियों को रोका जाएगा, उन्हें खाना और पानी दिया जाएगा। साथ ही बताया जाएगा कि सरकार किसानों के साथ क्या कर रही है। इस दौरान इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा। दोपहर 3 बजे चक्काजाम खत्म होने के बाद एक साथ एक मिनट के लिए गाड़ियों के हॉर्न बजाए जाएंगे। इस बीच दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी है। मूवमेंट रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की हुई है। पुलिस ने दिल्ली मेट्रो को पत्र लिखकर शॉर्ट नोटिस पर ज़रूरत पड़ने पर 12 मेट्रो स्टेशन को बंद करने के लिए तैयार रहने को कहा है। कानून-व्यवस्था की परिस्थितियों को देखते हुए और क्राउड कंट्रोल करने के लिए ऐसा करा जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने जिन मेट्रो स्टेशनों का जिक्र किया है, उनमें- राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग, जनपथ, मंडी हॉउस, आरके आश्रम, सुप्रीम कोर्ट, खान मार्केट और शिवजी स्टेडियम (एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन) शामिल हैं। ये सभी मेट्रो स्टेशन नई दिल्ली इलाके में आते हैं। 26 जनवरी की हिंसा से सबक लेते हुए पुलिस काफ़ी सतर्क है। लाल किले की सुरक्षा भी बेहद कड़ी कर दी गयी है।There will be no road blockade in Uttar Pradesh and Uttarakhand tomorrow; roads will be blocked in rest parts of the country excluding Delhi. The reason is that they can be called to Delhi any time, so they are kept on standby: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/5F1jddM7j8
— ANI (@ANI) February 5, 2021
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