लगातार तीसरे साल बाढ़ की चपेट में आया केरल, तबाही के आसार बढ़े

दक्षिण भारत का राज्य केरल बेतहाशा बारिश और तेज़ हवाओं की चपेट में है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एर्नाकुलम, इडुकी, थ्रिसुर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड ज़िले में 9 अगस्त तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस दौरान यहां भीषण बारिश और तेज़ हवाओं के चलने की आशंका ज़ाहिर की गई है. लोगों को तटीय इलाकों में ना जाने की सलाह भी दी गई है. यह लगातार तीसरा साल है जब केरल को बाढ़ जैसी आपदा का सामना करना पड़ रहा है.
राज्य में बेतहाशा बारिश की वजह से तमाम बांधों में पानी भर चुका है. मुल्लापेरियार बांध में 1 अगस्त को 39 फ़ीसदी पानी था लेकिन 7 अगस्त तक यह 91 फ़ीसदी तक भर गया. इसी तरह इडुकी का बांध 50 फ़ीसदी से ज़्यादा भर चुका है जहां एक अगस्त तक 35 फ़ीसदी पानी भरा हुआ था.
पलक्कड़ ज़िले में भवानी नदी ख़तरे के निशान के ऊपर बह रही है क्योंकि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के निलगिरी में घंटों मूसलाधार बारिश हुई है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पलक्कड़ ज़िले में भारतपुझा नदी भी ख़तरे के निशान के बेहद नज़दीक है. आशंका जताई गई है कि बारिश में बढ़ोतरी के साथ नदियों का जलस्तर काफी ऊपर जा सकता है. बारिश की वजह से मल्लापुरम, कोझीकोड, इडुकी और वायनाड में हालात बिगड़ रहे हैं. इडुकी में लैंडस्लाइड हादसे में अब तक 18 लोग मर चुके हैं जबकि दर्जनों लापता हैं. लगातार चार दिनों की बारिश के बाद वायनाड के निचले इलाक़ों में पानी भरा हुआ है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वायनाड राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है लेकिन यहां बिगड़ते हालात पर उन्होंने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ज़िला कलेक्टर डॉ. अदिला अब्दुल्ला के मुताबिक 600 से ज्यादा प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में सबसे ज़्यादा 259 मिमी बारिश कोझीकोड में रिकॉर्ड की गई. इसके बाद इडुक्की में 177, कन्नूर में 173, कासरगोड में 169, वायनाड में 159, कोट्टायम में 146, एर्नाकुलम में 129, पलक्कड़ में 118, पट्टानामिठ्ठा में 113 और अलपुझा में 88 मिमी बारिश दर्ज की गयी है.
पलक्कड़ ज़िले में भवानी नदी ख़तरे के निशान के ऊपर बह रही है क्योंकि पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के निलगिरी में घंटों मूसलाधार बारिश हुई है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक पलक्कड़ ज़िले में भारतपुझा नदी भी ख़तरे के निशान के बेहद नज़दीक है. आशंका जताई गई है कि बारिश में बढ़ोतरी के साथ नदियों का जलस्तर काफी ऊपर जा सकता है. बारिश की वजह से मल्लापुरम, कोझीकोड, इडुकी और वायनाड में हालात बिगड़ रहे हैं. इडुकी में लैंडस्लाइड हादसे में अब तक 18 लोग मर चुके हैं जबकि दर्जनों लापता हैं. लगातार चार दिनों की बारिश के बाद वायनाड के निचले इलाक़ों में पानी भरा हुआ है और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वायनाड राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है लेकिन यहां बिगड़ते हालात पर उन्होंने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ज़िला कलेक्टर डॉ. अदिला अब्दुल्ला के मुताबिक 600 से ज्यादा प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में पहुंचा दिया गया है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में सबसे ज़्यादा 259 मिमी बारिश कोझीकोड में रिकॉर्ड की गई. इसके बाद इडुक्की में 177, कन्नूर में 173, कासरगोड में 169, वायनाड में 159, कोट्टायम में 146, एर्नाकुलम में 129, पलक्कड़ में 118, पट्टानामिठ्ठा में 113 और अलपुझा में 88 मिमी बारिश दर्ज की गयी है.
Update on rainfall data in respect of Kerala state from AWS/ARG (0830 hrs IST of 07.08.2020 to 0530 hrs IST of today, 08.07.2020) (in mm)
— India Met. Dept. (@Indiametdept) August 8, 2020
Kerala- Idukki (Peermade)-177, Kannur(Irikkur)-173, Kasargode(Vellarikkundu)-169, Kottayam (Poonjar)-146, Kottayam (Kumarakom)-82,
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