न्यायपालिका, ईडी, सीबीआई नहीं करती स्वतंत्र रूप से काम तो लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक: BHC
‘हमने हमेशा माना है कि न्यायपालिका, आरबीआई, सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए'

‘अगर न्यायपालिका और जांच एजेंसियां जैसे प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई स्वतंत्र रूप से काम करने में विफल रहती हैं तो यह लोकतंत्र के लिए ख़तरा है।’ गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनसीपी या नेश्नल कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
याचिका पर सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट के जज जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पितले की बेंच ने कहा, ‘हमने हमेशा माना है कि न्यायपालिका, आरबीआई, सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। अगर ये एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम नहीं करती हैं तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है।’
कोर्ट से एनसीपी नेता एकनाथ खडसे ने अपने ख़िलाफ़ ईडी द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग की थी। खडसे की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील ऐबाद पोंडा ने दलील दी कि याचिका की पेंडेंसी के दौरान कोई भी सख़्त कार्रवाई नहीं होनी चाहिए और ऐसे हालात में अंतरिम सुरक्षा दी जानी चाहिए। इसपर एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि सोमवार या 25 जनवरी तक ईडी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक टाल दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को कुछ दिनों के लिए सुरक्षा दी जाती है तो कौन सा आसमान गिरने वाला है। कोर्ट ने ईडी की तरफ से पेश एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल से यह भी सवाल किया कि सोमवार के बाद सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई जा सकती? इसके बाद कोर्ट ने साफ किया कि ईडी द्वारा जारी समन पर खडसे लगातार हाज़िर हो रहे हैं और वो जांच एजेंसी को जांच में भी सहयोग कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि जब कोई शख्स समन पर हाज़िर हो रहा है और जांच में सम्मान के साथ सहयोग कर रहा है तो ईडी किसी को क्यों गिरफ़्तार करेगी ? हालांकि इसका जवाब ईडी की तरफ से पेश एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने नहीं दी और कहा कि वो अगली सुनवाई में इन सवालों का जवाब देंगे। मामले में अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी।
कोर्ट से एनसीपी नेता एकनाथ खडसे ने अपने ख़िलाफ़ ईडी द्वारा जारी समन को रद्द करने की मांग की थी। खडसे की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील ऐबाद पोंडा ने दलील दी कि याचिका की पेंडेंसी के दौरान कोई भी सख़्त कार्रवाई नहीं होनी चाहिए और ऐसे हालात में अंतरिम सुरक्षा दी जानी चाहिए। इसपर एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि सोमवार या 25 जनवरी तक ईडी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई सोमवार तक टाल दी है। कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को कुछ दिनों के लिए सुरक्षा दी जाती है तो कौन सा आसमान गिरने वाला है। कोर्ट ने ईडी की तरफ से पेश एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल से यह भी सवाल किया कि सोमवार के बाद सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई जा सकती? इसके बाद कोर्ट ने साफ किया कि ईडी द्वारा जारी समन पर खडसे लगातार हाज़िर हो रहे हैं और वो जांच एजेंसी को जांच में भी सहयोग कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि जब कोई शख्स समन पर हाज़िर हो रहा है और जांच में सम्मान के साथ सहयोग कर रहा है तो ईडी किसी को क्यों गिरफ़्तार करेगी ? हालांकि इसका जवाब ईडी की तरफ से पेश एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने नहीं दी और कहा कि वो अगली सुनवाई में इन सवालों का जवाब देंगे। मामले में अगली सुनवाई 25 जनवरी को होगी।
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