देश में चोरी के मामले बढ़े, माल बरामद करने में फिसड्डी रही दिल्ली पुलिस

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के नए आंकड़े बताते हैं कि देश में देश में चोरियाँ साल दर साल बढ़ती ही जा रही हैं। मसलन 2017 में देशभर में 5 लाख 89 हज़ार 058 चोरियाँ और 2018 में 6 लाख 25 हज़ार 441 चोरी का घटनाएँ दर्ज हुईं। बीते वर्ष इसमें फिर बढ़ोतरी दर्ज़ हुई और 2019 में 6 लाख 75 हज़ार 916 चोरी की वारदातें दर्ज की गयीं।
आसान शब्दों में कहें तो 2018 में चोरों ने देश में हर दिन 1861, हर घंटे 77 और हर मिनट एक से ज़्यादा चोरियां अंजाम दीं। इस दौरान चोरों ने 4719 करोड़ के माल पर हाथ साफ़ कर दिया।
आँकड़े यह भी बताते हैं कि राजधानी दिल्ली चोरों का सबसे बड़ा अड्डा है जहाँ 2019 में 2 लाख 45 हज़ार 985 चोरी की वारदाते हुईं और इन्हें पकड़ने और चोरी का माल बरामद करने के मामले में देश की सबसे फिसड्डी पुलिस भी दिल्ली पुलिस ही है। 2019 में राजधानी दिल्ली में चोर 865.2 करोड़ का माल लेकर रफूचक्कर हो गए और दिल्ली पुलिस इसका महज़ 10.2 फीसदी माल बरामद कर सकी। बीते वर्ष महाराष्ट्र में 96 हज़ार 517 855 चोरियाँ हुईं। वहाँ चोरों ने 977 करोड़ का माल उड़ाया और बरामदगी हुई 28.7 फीसदी माल की। उत्तर प्रदेश में 50 हज़ार 197 मामले चोरी के दर्ज हुए। यहाँ चोरों ने 279.9 करोड़ के माल पर हाथ साफ किया और लगभग 35 फीसदी माल की रिकवरी हुई। इसी तरह बिहार में 34 हज़ार 971 चोरियाँ हुईं। यहां चोरों ने 106.2 करोड़ के माल उड़ाए जबकि बरामदगी हुई सिर्फ 24.1 फीसदी माल की। मध्य प्रदेश में चोरी के 29 हज़ार 270 मामले आए। यहाँ चोरों ने 180.2 करोड़ का माल उड़ाया और रिकवरी हुई 39.9 फीसदी माल की। असम में 16 हज़ार 478 चोरियाँ हुईं। यहाँ चोरों ने 106.2 करोड़ का माल उड़ाया और बरामदगी हुई 24 फीसदी माल की। गुजरात में 14 हज़ार 282 चोरी के मामले दर्ज हुए। यहाँ चोरों ने 202.6 करोड़ की संपत्ति चुरा ली लेकिन बरामदगी हुई 27.8 फीसदी की। देश में चोरों से संपत्ति बरामद करने का सबसे अच्छा रिकवरी रेट तमिलनाडु पुलिस का है। यहाँ चोरी के 15 हज़ार 684 मामले सामने आए। इस दौरान चोरों ने 172.7 करोड़ का माल उड़ाया लेकिन तमिलनाडु पुलिस 68.7 फीसदी माल को बरामद कर लिया। ज़ाहिर है देश में चोरी की वारदातों का साल दर साल बढ़ना एक खतरनाक ट्रेंड की और इशारा करता है। साफ़ है कि लोग अपराध की दुनिया में पहले की तुलना में ज़्यादा कदम रख रहे हैं।
आँकड़े यह भी बताते हैं कि राजधानी दिल्ली चोरों का सबसे बड़ा अड्डा है जहाँ 2019 में 2 लाख 45 हज़ार 985 चोरी की वारदाते हुईं और इन्हें पकड़ने और चोरी का माल बरामद करने के मामले में देश की सबसे फिसड्डी पुलिस भी दिल्ली पुलिस ही है। 2019 में राजधानी दिल्ली में चोर 865.2 करोड़ का माल लेकर रफूचक्कर हो गए और दिल्ली पुलिस इसका महज़ 10.2 फीसदी माल बरामद कर सकी। बीते वर्ष महाराष्ट्र में 96 हज़ार 517 855 चोरियाँ हुईं। वहाँ चोरों ने 977 करोड़ का माल उड़ाया और बरामदगी हुई 28.7 फीसदी माल की। उत्तर प्रदेश में 50 हज़ार 197 मामले चोरी के दर्ज हुए। यहाँ चोरों ने 279.9 करोड़ के माल पर हाथ साफ किया और लगभग 35 फीसदी माल की रिकवरी हुई। इसी तरह बिहार में 34 हज़ार 971 चोरियाँ हुईं। यहां चोरों ने 106.2 करोड़ के माल उड़ाए जबकि बरामदगी हुई सिर्फ 24.1 फीसदी माल की। मध्य प्रदेश में चोरी के 29 हज़ार 270 मामले आए। यहाँ चोरों ने 180.2 करोड़ का माल उड़ाया और रिकवरी हुई 39.9 फीसदी माल की। असम में 16 हज़ार 478 चोरियाँ हुईं। यहाँ चोरों ने 106.2 करोड़ का माल उड़ाया और बरामदगी हुई 24 फीसदी माल की। गुजरात में 14 हज़ार 282 चोरी के मामले दर्ज हुए। यहाँ चोरों ने 202.6 करोड़ की संपत्ति चुरा ली लेकिन बरामदगी हुई 27.8 फीसदी की। देश में चोरों से संपत्ति बरामद करने का सबसे अच्छा रिकवरी रेट तमिलनाडु पुलिस का है। यहाँ चोरी के 15 हज़ार 684 मामले सामने आए। इस दौरान चोरों ने 172.7 करोड़ का माल उड़ाया लेकिन तमिलनाडु पुलिस 68.7 फीसदी माल को बरामद कर लिया। ज़ाहिर है देश में चोरी की वारदातों का साल दर साल बढ़ना एक खतरनाक ट्रेंड की और इशारा करता है। साफ़ है कि लोग अपराध की दुनिया में पहले की तुलना में ज़्यादा कदम रख रहे हैं।
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