सेंट्रल विस्टा पर केन्द्रीय मंत्रियों की तू-तू, मैं-मैं और देश के स्वास्थ्य सिस्टम की हालत

मोदी सरकार के 'सपनों के महल' सेंट्रल विस्टा का काम ज़ोरों पर चल रहा है। ऐसे तो 20 हज़ार करोड़ा का ये सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट शुरु से ही सवालों के घेरे में रहा है लेकिन फिलहाल कोरोना महामारी में इसेंशियल के तौर पर कराए जा रहे कंस्ट्रक्शन की चौतरफा आलोचना हो रही है, जिसका केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खंडन किया है।
हरदीप सिंह पुरी देश के एविएशन मंत्री हैं और उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर सरकार की तरफ से जवाब पेश किया है। उन्होंने सेंट्रल विस्टा के लिए आवंटित राशी की तुलना स्वास्थ्य बजट और वैक्सीन के लिए आवंटित राशी से की है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ''सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर कांग्रेस पार्टी का ऐतराज अजीब है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की लागत कई वर्षों से लगभीग 20 हज़ार करोड़ रुपये है। भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए इसका लगभग दोगुना आवंटित की है। सिर्फ इसी साल देश का हेल्थ बजट तीन लाख करोड़ रूपये है। हम अपनी प्राथमिकताओं को समझते हैं।'
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ''सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर कांग्रेस पार्टी का ऐतराज अजीब है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की लागत कई वर्षों से लगभीग 20 हज़ार करोड़ रुपये है। भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए इसका लगभग दोगुना आवंटित की है। सिर्फ इसी साल देश का हेल्थ बजट तीन लाख करोड़ रूपये है। हम अपनी प्राथमिकताओं को समझते हैं।'
केन्द्रीय मंत्री के इस ट्वीट को देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रीट्वीट किया है। उनके साथ-साथ कई अन्य मंत्रियों ने भी हरदीप सिंह पुरी के इस ट्वीट को री-ट्वीट किया है और महामारी में कराए जा रहे सेंट्रल विस्टा के कंस्ट्रक्शन का बचाव किया है। स्वास्थ्य मंत्री के री-ट्वीट पर कई लोग उनकी आलोचना भी करते नज़र आए। एक 'वियर डबल मास्क' नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है, 'यह ऐसा समय है जब देश में चार लाख से ज़्यादा केस सामने आ रहे हैं, भारत के स्वास्थ्य मंत्री यह प्रमोट/हाइलाइट कर रहे हैं कि ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड और वेंटिलेटर के मुक़ाबले सेंट्रल विस्टा क्यों ज़रूरी है।'Congress’s discourse on Central Vista is bizarre.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 7, 2021
Cost of Central Vista is about ₹20,000 crore, over several years.
GoI has allocated nearly twice that amount for vaccination! India’s healthcare budget for just this year was over ₹3 lakh crore. We know our priorities. pic.twitter.com/uNlnxv7s58
'प्राथमिकता' की पड़ताल केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की प्राथमिकता के दावे की पोल खुद उन्हीं की साथी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित स्वास्थ्य बजट करता है। केन्द्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021 के बजट में स्वास्थ्य बजट को दस फीसदी तक कम कर दी है। अगर आंकड़े देखें तो जहां साल 2020 में स्वास्थ्य रिसर्च और स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए आवंटित राशी 82,866 करोड़ रूपये रहा था, वो साल 2021 में कम कर 73,932 करोड़ रूपये कर दिया गया। इनमें केन्द्र स्वास्थ्य पर सिर्फ 71,269 करोड़ रूपये ख़र्च कर रहा है।Health Minister of India promoting / highlighting why Central Vista is more important than Oxygen, hospital beds and ventilators.
— Wear Double Mask (@OptionT02594842) May 7, 2021
This at a time when cases > 4,00,000 daily.
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