9/11 आतंकी हमले की पूरी कहानी, 'जब दहल उठा था अमेरिका'

11 सितंबर 2001 का वो दिन जब अमेरिकी इतिहास में पहली बार कोई बड़ा आतंकी हमला हुआ। दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में करीब 18 हजार कर्मचारी रोजमर्रा का काम निपटाने में जुटे थे। मगर आधे घंटे के भीतर दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से आकर टकराई और बिल्डिंग आग के गोले में तब्दील हो गई जिसमें हज़ारों लोग मारे गए। उस आतंकी हमले से अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। बाज़ार ठप्प हो गए और हज़ारों लोगों की रोज़ी-रोटी चली गई।
11 सितंबर का वो दिन, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि सुपरपॉवर अमेरिका को भी आतंकी चुनौती देने की कोई हिमाकत कर सकता है। मगर उस दिन 19 आतंकियों ने चार विमान हाइजैक किए और फिर सुनियोजित ढंग से अमेरिका को धमाकों से दहला दिया। बताया जाता है कि पहला विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टॉवर से टकराया तब लोगों को लगा कि यह एक हादसा है लेकिन कुछ ही देर में दूसरे विमान ट्रेड सेंटर के दक्षिणी टॉवर से आ टकराई। तब लोगों को अहसास हुआ कि यह हादसा नहीं बल्कि बड़ा आतंकी हमला है। टॉवर में काम कर रहे लोगों में चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग बदहवास होकर जान बचाने के लिए दौड़ पड़े।
हमले का सिलसिला यहीं नहीं थमा, ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद 9 बजकर 47 मिनट पर वाशिंगटन स्थित रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर भी हमले की घटना समाने आई। विमान के टकराने से पेंटागन का भी एक हिस्सा ढह गया। चौथा विमान कुछ ही देर बाद पीटसबर्ग हवाई अड्डे के नज़दीक एक खेत में गिरने से क्रैश हो गया। अटकलें हैं कि यह विमान व्हाइट हाउस की तरफ जा रहा था। इस हमले में तीन हज़ार लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। रिपोर्ट बताते हैं कि इस हमले में अमेरिकी सहित 90 देशों के लोग मारे गए। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन अलक़ाइदा ने ली। हालांकि बाद में मई 2011 की एक सैन्य कार्रवाई में अमेरिका ने अलक़ायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराया था। हालांकि सालों से चल रही जांच में अमेरिका ने सऊदी अरब पर अलक़ायदा को फंडिंग करने का आरोप लगाया। पिछले साल सितंबर 2019 में पीड़ित परिवार को दिए अपने जवाब में अमेरिकी रक्षा विभाग ने ट्रेड सेंटर पर हमले के लिए सऊदी अरब को ज़िम्मेदार ठहराया था। मामले में जांच कर रही एफबीआई या फेडरल ऑफ ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विमान हाइजैक करने वाले 19 लोगों में 15 सऊदी अरब के थे। हमले में जांच की एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि विमान हाइजैक करने वालों को सऊदी अरब की तरफ से फंडिंग की गई।
हमले का सिलसिला यहीं नहीं थमा, ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद 9 बजकर 47 मिनट पर वाशिंगटन स्थित रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर भी हमले की घटना समाने आई। विमान के टकराने से पेंटागन का भी एक हिस्सा ढह गया। चौथा विमान कुछ ही देर बाद पीटसबर्ग हवाई अड्डे के नज़दीक एक खेत में गिरने से क्रैश हो गया। अटकलें हैं कि यह विमान व्हाइट हाउस की तरफ जा रहा था। इस हमले में तीन हज़ार लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। रिपोर्ट बताते हैं कि इस हमले में अमेरिकी सहित 90 देशों के लोग मारे गए। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकी संगठन अलक़ाइदा ने ली। हालांकि बाद में मई 2011 की एक सैन्य कार्रवाई में अमेरिका ने अलक़ायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार गिराया था। हालांकि सालों से चल रही जांच में अमेरिका ने सऊदी अरब पर अलक़ायदा को फंडिंग करने का आरोप लगाया। पिछले साल सितंबर 2019 में पीड़ित परिवार को दिए अपने जवाब में अमेरिकी रक्षा विभाग ने ट्रेड सेंटर पर हमले के लिए सऊदी अरब को ज़िम्मेदार ठहराया था। मामले में जांच कर रही एफबीआई या फेडरल ऑफ ब्यूरो इन्वेस्टिगेशन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विमान हाइजैक करने वाले 19 लोगों में 15 सऊदी अरब के थे। हमले में जांच की एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि विमान हाइजैक करने वालों को सऊदी अरब की तरफ से फंडिंग की गई।
ताज़ा वीडियो