Fuel Price Analysis: 2016 के मुक़ाबले आप 50-55 फीसदी महंगा ख़रीद रहे पेट्रोल

by M. Nuruddin 1 year ago Views 2461

अब कच्चे तेल के उत्पादन में सुधार करने में विफल रहने के बाद सरकार उत्पादन को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में सौंपने पर विचार कर रही है...

Fuel Price Analysis: You are buying petrol 50-55%
देश में कच्चे तेल के उत्पादन में पिछले चार सालों से लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसका मतलब है कि भारत तेल के इंपोर्ट पर ही ज़्यादा निर्भर हो गया है और यही वजह है कि देश में पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही है। मसलन अगर भारत अपने कच्चे तेल के उत्पादन को घटाने की बजाय बढ़ाता तो देशवासियों को सस्ते में पेट्रोल मिल सकता था।

आंकड़े बताते हैं कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनी ओएनजीसी- ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन अपने कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार कटौती कर रहा है। साल 2016 में जहां ओएनजीसी का कच्चे तेल का उत्पादन 22.25 मिलियन टन पर था वो अब सालाना 20.27 मिलियन टन पर आ गया है।


इस दरमियान साल 2017-18 में ओएनजीसी ने 22.3 मिलियन टन, 2018-19 में 21.11 मिलियन टन और 2019-20 के दौरान 20.71 मिलियन टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। इस दौरान अगर हम देखें तो पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें लगातार बढ़ी है।

मसलन साल 2016 की समान अवधि में देश में एक लीटर पेट्रोल की कीमत राजधानी दिल्ली में 67.62 रूपये थी। वहीं कोलकाता में 70.24 रूपये, मुंबई में 74 रूपये और चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल 67.13 रूपये में बिक रहे थे। वो अब बढ़कर राजधानी दिल्ली में करीब 104 रूपये, कोलकाता में 104.67 रूपये, मुंबई में करीब 110 रूपये और चेन्नई में 101.40 रूपये पर पहुंच गए हैं।

अब अगर चार सालों में पेट्रोल की महंगाई की बात करें तो राजधानी दिल्ली में 2016 के मुक़ाबले 2021 में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 53.8 फीसदी महंगी हो गई है। वहीं 2016 के मुक़ाबले कोलकाता में अब पेट्रोल की कीमत 49 फीसदी, मुंबई में 48 फीसदी और चेन्नई में पिछले चार सालों में पेट्रोल की कीमत 51 फीसदी बढ़ गई है।

अगर डीज़ल की कीमतों की बात करें तो 2016 के मुक़ाबले राजधानी दिल्ली में 53.6 फीसदी, कोलकाता में 53 फीसदी, मुंबई में 51 फीसदी और चेन्नई में डीज़ल 57.5 फीसदी महंगा हो गया है।

विफलता के बाद प्राइवेट सेक्टर की तरफ केन्द्र का रुख़

अब कच्चे तेल के उत्पादन में सुधार करने में विफल रहने के बाद सरकार उत्पादन को प्राइवेट सेक्टर के हाथों में सौंपने पर विचार कर रही है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में ने उत्पादन बढ़ाने के लिए तेल और प्राकृतिक गैस निगम या ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन के कुछ हिस्से को प्राइवेट सेक्टर को देने की पेशकश की है।

पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर ने कहा, "भारत का कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ना चाहिए। इसके लिए, ओएनजीसी को अपने पोर्टफोलियो का विस्तार और ज़्यादा एक्सप्लोरेशन यानि अन्वेषण करना होगा।।”

इससे पहले ओएनजीसी बोर्ड में शामिल सरकार के नामित निदेशक अमर नाथ ने भी ओएनजीसी के दो उत्पादक संपत्तियों में 60 फीसदी हिस्से को विदेश फर्मों को देने की वक़ालत की थी।

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