महिलाओं को बिना महरम हज की इजाज़त, सऊदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला
सिर्फ 60 हज़ार लोगों की ही हज की अनुमित...

सऊदी अरब ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में महिलाओं को बिना महरम यानि बिना किसी पुरुष अभिभावक के हज की अनुमति दे दी है। फैसले के मुताबिक़ अब महिलाएं किसी अन्य महिला के साथ हज के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं। सऊदी के हज और उमरा मंत्रालय की तरफ से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि 'हज करने के इच्छुक लोगों को व्यक्तिगत तौर पर हज के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसमें महिलाएं बिना महरम के अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगी।'
सऊदी अरब ने पहले ही यह ऐलान किया था कि इस साल सऊदी में रह रहे लोग ही हज कर सकते हैं। बयान में यह भी कहा गया था कि सिर्फ 60 हज़ार लोगों की ही हज की अनुमित होगी। ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब ने कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए लगातार दूसरे साल बाहरी लोगों के लिए हज की अनुमित नहीं दी है। हज, पूरी ज़िंदगी में कम से कम एक बार उन मुसलमानों पर फर्ज़ है जो इसके लिए सक्षम हैं। आम तौर पर हर साल दुनियाभर के लाखों मुसलमान सऊदी अरब के मक्का शहर पहुंचते हैं जहां उनका का पवित्र स्थान 'क़ाबा शरीफ' स्थित है। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल जुलाई महीने में सिर्फ दस हज़ार लोगों को ही हज की अनुमति मिल सकी थी। हालांकि साल 2019 में 25 लाख लोगों ने हज किया था जिसमें 18 लाख से ज़्यादा लोग बाहरी थे। हज मंत्रालय ने कहा है कि इस साल जुलाई में होने वाली तीर्थयात्रा में सिर्फ वो लोग ही हिस्सा ले सकेंगे जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है, जिनकी उम्र 18-65 साल है और जिन्हें कोई बीमारी नहीं है। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने एक अलग बयान में कहा है कि, 'पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है... और इसके नए वैरिएंट उभर रहे हैं... संबंधित अधिकारी दुनिया में कोरोना के हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।' अल अरबिया न्यूज़ के मुताबिक़ बयान में कहा गया है कि, 'वो लोग जो हज में शामिल होंगे... उन्हें अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने की ज़रूरत है... सभी स्वास्थ्य सावधानियां बरतने की ज़रूरत है। ग़ौरतलब है कि सऊदी सरकार की आमदनी का तेल के बाद दूसरा बड़ा स्रोत हज यात्रा ही है लेकिन लगातार दूसरी बार यह स्रोत ठप पड़ गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल सऊदी अरब को हज और उमरा की यात्रा से 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई होती थी, जिसपर कोरोना ने ताला लगा दिया है।
सऊदी अरब ने पहले ही यह ऐलान किया था कि इस साल सऊदी में रह रहे लोग ही हज कर सकते हैं। बयान में यह भी कहा गया था कि सिर्फ 60 हज़ार लोगों की ही हज की अनुमित होगी। ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब ने कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए लगातार दूसरे साल बाहरी लोगों के लिए हज की अनुमित नहीं दी है। हज, पूरी ज़िंदगी में कम से कम एक बार उन मुसलमानों पर फर्ज़ है जो इसके लिए सक्षम हैं। आम तौर पर हर साल दुनियाभर के लाखों मुसलमान सऊदी अरब के मक्का शहर पहुंचते हैं जहां उनका का पवित्र स्थान 'क़ाबा शरीफ' स्थित है। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल जुलाई महीने में सिर्फ दस हज़ार लोगों को ही हज की अनुमति मिल सकी थी। हालांकि साल 2019 में 25 लाख लोगों ने हज किया था जिसमें 18 लाख से ज़्यादा लोग बाहरी थे। हज मंत्रालय ने कहा है कि इस साल जुलाई में होने वाली तीर्थयात्रा में सिर्फ वो लोग ही हिस्सा ले सकेंगे जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली है, जिनकी उम्र 18-65 साल है और जिन्हें कोई बीमारी नहीं है। सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने एक अलग बयान में कहा है कि, 'पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है... और इसके नए वैरिएंट उभर रहे हैं... संबंधित अधिकारी दुनिया में कोरोना के हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।' अल अरबिया न्यूज़ के मुताबिक़ बयान में कहा गया है कि, 'वो लोग जो हज में शामिल होंगे... उन्हें अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने की ज़रूरत है... सभी स्वास्थ्य सावधानियां बरतने की ज़रूरत है। ग़ौरतलब है कि सऊदी सरकार की आमदनी का तेल के बाद दूसरा बड़ा स्रोत हज यात्रा ही है लेकिन लगातार दूसरी बार यह स्रोत ठप पड़ गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल सऊदी अरब को हज और उमरा की यात्रा से 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई होती थी, जिसपर कोरोना ने ताला लगा दिया है।
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