लॉकडाउन बढ़ने का ख़ौफ़, सूरत में दिहाड़ी मज़दूर और पुलिस आमने-सामने

गुजरात के औद्योगिक शहर सूरत में दिहाड़ी मज़दूर लॉकडाउन तोड़ते हुए सड़कों पर उतर गए. दिहाड़ी मज़दूरों का कहना है कि लॉकडाउन बढ़ा तो उनके सामने भुखमरी जैसे हालात पैदा हो जाएंगे. सूरत के डीसीपी राकेश बरोट के मुतताबिक दिहाड़ी मज़दूरों ने सड़क जाम करने के साथ-साथ पत्थरबाज़ी भी की. 60 से 70 मज़दूरों को हिरासत में लिया गया है. मज़दूर अपने घर जाने की मांग कर रहे हैं.
24 की अप्रैल को अचानक लागू हुए लॉकडाउन की सबसे तगड़ी मार दिहाड़ी मज़दूरों पर ही पड़ी है. लाखों की तादाद में मज़दूरों को दिल्ली, मुंबई जैसे शहर छोड़कर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांव जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. कई दिहाड़ी मज़दूरों की इस दौरान मौत भी हुई है. केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि लॉकडाउन के दौरान ग़रीब तबके को चावल, गेहूं, दाल वग़ैरह मुहैया करवाया जाएगा लेकिन यह सहूलियत नाकाफ़ी साबित हो रही है. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्य सरकारें लॉकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन लॉकडाउन बढ़ने से करोड़ों दिहाड़ी मज़दूरों की हालत और बिगड़ने का ख़तरा है.
गुजरात का सूरत शहर टेक्सटाइल इंडस्ट्री का गढ़ माना जाता है. यहां बड़े पैमाने पर यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के हज़ारों मज़दूर काम करते हैं. इन्हें डर सता है कि लॉकडाउन बढ़ने पर उनकी भूख कैसे मिटेगी क्योंकि सभी कारख़ाने फिलहाल बंद हैं. मज़दूर अपने घर भी नहीं लौट सकते क्योंकि लॉकडाउन के चलते तमाम शहरों और राज्यों की सीमाएं सील हैं. इसके अलावा आने-जाने के सभी साधन भी ठप पड़े हैं.Gujarat:Migrant workers in Surat resorted to violence on street allegedly fearing extension of lockdown."Workers blocked road&pelted stones.Police reached the spot&detained 60-70 people.We've come to know that they were demanding to go back home",said DCP Surat,Rakesh Barot(10.4) pic.twitter.com/q09Z7lsLwR
— ANI (@ANI) April 10, 2020
24 की अप्रैल को अचानक लागू हुए लॉकडाउन की सबसे तगड़ी मार दिहाड़ी मज़दूरों पर ही पड़ी है. लाखों की तादाद में मज़दूरों को दिल्ली, मुंबई जैसे शहर छोड़कर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने गांव जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. कई दिहाड़ी मज़दूरों की इस दौरान मौत भी हुई है. केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि लॉकडाउन के दौरान ग़रीब तबके को चावल, गेहूं, दाल वग़ैरह मुहैया करवाया जाएगा लेकिन यह सहूलियत नाकाफ़ी साबित हो रही है. देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कई राज्य सरकारें लॉकडाउन हटाने के पक्ष में नहीं हैं लेकिन लॉकडाउन बढ़ने से करोड़ों दिहाड़ी मज़दूरों की हालत और बिगड़ने का ख़तरा है.
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