Exclusive: दूसरी लहर के में केन्द्र ने कोविड प्रबंधन पर कम ख़र्च किया

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को को नियंत्रित करने और अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए घोषणाओं के दावे के उलट इस सप्ताह जारी सरकार के ही आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी पर केन्द्र सरकार कम ख़र्च किया है। संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान 273,000 लोग या तो स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में या फिर संक्रमण की वजह से मारे गए।
आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2021-22 के मार्च-जून तिमाही के दौरान सरकार ने स्वास्थ्य सहित अन्य ज़रूरतों पर साल 2018 में महामारी से पहले किए ख़र्च की तुलना में कम ख़र्च किया है। एक विश्लेषण से पता चलता है कि जब लोग अस्पताल में भर्ती होने के लिए दर-दर भटक रहे थे और अस्पताल ऑक्सीजन की कमी के लिए एसओएस जारी कर रहे थे, तब सरकार पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन पर अपने ख़र्च में कटौती करने में व्यवस्त थी।

इस साल मार्च-जून के दौरान भारत में कुल 237,382 लोगों की मौत हुई, जबकि सार्वजनिक खर्च में पिछली तिमाही की तुलना में 19 फीसदी से अधिक की कटौती देखी गई। विपक्ष ने संसद में सरकार पर महामारी नियंत्रण उपायों के कुप्रबंधन के आरोप भी लगाए, जबकि सरकार ने दावा किया कि सभी सावधानियां बरती गई है।

इस साल मार्च-जून के दौरान भारत में कुल 237,382 लोगों की मौत हुई, जबकि सार्वजनिक खर्च में पिछली तिमाही की तुलना में 19 फीसदी से अधिक की कटौती देखी गई। विपक्ष ने संसद में सरकार पर महामारी नियंत्रण उपायों के कुप्रबंधन के आरोप भी लगाए, जबकि सरकार ने दावा किया कि सभी सावधानियां बरती गई है।
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