चुनावी राज्यों में पांच साल में रोजगार दर घटी, वर्किंग एज पॉपुलेशन बढ़ी !

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तारीखें घोषित कर दी गई है लेकिन 15 जनवरी तक रैलियों की इजाज़त नहीं है। चुनाव में विपक्ष जहां बेरोजगारी को भी एक मुद्दा बना रहा है वहीं दूसरी तरफ चुनाव को सांप्रदायिक करने की तमाम कोशिशें भी हो रही है। इसपर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार के पास कोई और मुद्दा नहीं बचा है इसलिए चुनाव को सांप्रदायिक मोड़ दिया जा रहा है।
पांच राज्यों में अगर चार प्रमुख राज्यों गोवा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में पांच सालों में बेरोजगारी का आलम देखें तो इन सभी राज्यों में रोजगार लोगों की संख्या घटी है। आसान शब्दों में कहें तो इन चुनावी राज्यों में सितंबर-दिसंबर 2016 के मुक़ाबले सितंबर-दिसंबर 2021 में रोजगार लोगों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
साथ ही आपको बता दें कि इन पांच साल की अवधि में वर्किंग एज पॉपुलेशन यानि जिनकी उम्र 15 साल से ज़्यादा की है और जो रोजगार की तलाश कर रहे हैं, की संख्या बढ़ी है। गोवा गोवा में सितंबर-दिसंबर 2016 में वर्किंग एज पॉपुलेशन 1,229,000 थी जिनमें 606,000 लोग काम कर रहे थे। इसका मतलब है कि राज्य में 2016 के दौरान रोजगार दर (Employment Rate) 48.31 फीसदी थी। जबकि 2021 में समान अवधि की बात करें तो वर्किंग एज पॉपुलेशन बढ़कर 1,313,000 हो गई लेकिन इनमें सिर्फ 420,000 लोगों को ही रोजगार मिला।
साथ ही आपको बता दें कि इन पांच साल की अवधि में वर्किंग एज पॉपुलेशन यानि जिनकी उम्र 15 साल से ज़्यादा की है और जो रोजगार की तलाश कर रहे हैं, की संख्या बढ़ी है। गोवा गोवा में सितंबर-दिसंबर 2016 में वर्किंग एज पॉपुलेशन 1,229,000 थी जिनमें 606,000 लोग काम कर रहे थे। इसका मतलब है कि राज्य में 2016 के दौरान रोजगार दर (Employment Rate) 48.31 फीसदी थी। जबकि 2021 में समान अवधि की बात करें तो वर्किंग एज पॉपुलेशन बढ़कर 1,313,000 हो गई लेकिन इनमें सिर्फ 420,000 लोगों को ही रोजगार मिला।
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