कोरोना वायरस कभी खत्म नहीं होगा, गर्मी हो या सर्दी हमेशा रहेगा प्रकोप : स्टडी

कोरोना वायरस के कहर से भारत समेत तमाम देशों में हाहाकार मचा हुआ है। लोग कोरोना के कहर का थमने का इंतजार कर रहे हैं, मगर अभी जो स्टडी आई है, वह लोगों के होश उड़ाने वाली है।
शोधकर्ताओं की मानें तो हमें कोरोना वायरस के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि यह वायरस कभी ख़तम नहीं होगा, यानी सदा जीवित रहेगा और इसका प्रकोप लंबे समय तक जारी रहेगा।
हालांकि, मेडिकल साइंस का मानना है कि किसी भी वायरस का अस्तित्व कभी ख़तम नहीं होता, लेकिन इस रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना वायरस साल में कई बार पूरे चरम पर होगा। इसके चलते बड़ी तादाद में लोगों की जान जाएगी। बता दें कि भारत में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी की भी संभावना जताई गई है। जर्मनी के हेडलबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ और चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल सांइस ने कोरोना वायरस के जीवन भर ज़िंदा रहने का दावा किया है। इनकी रिसर्च रिपोर्ट को जनरल साइंटिफिक में भी प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में इस वायरस के प्रचंड रूप में जीवित रहने के अलावा कोरोना को लेकर कई अन्य बातें भी बताई गई हैं। इसमें कहा गया है कि विश्व के उत्तरी और दक्षिणी देशों में कोरोना का कहर ज़्यादा रहेगा। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि चाहे गर्मी हो या सर्दी किसी भी मौसम में कोरोना की प्रचंडता कम नहीं होने वाली। शोधकर्ताओं ने यह रिपोर्ट 117 देशों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना से बचाव ही एकमात्र उपाय है। इसके लिए ज़रूरी है कि टीकाकरण के बाद भी कोरोना से बचने के लिए बनाए गए मानकों का लगातार पालन करते रहें।
हालांकि, मेडिकल साइंस का मानना है कि किसी भी वायरस का अस्तित्व कभी ख़तम नहीं होता, लेकिन इस रिसर्च में बताया गया है कि कोरोना वायरस साल में कई बार पूरे चरम पर होगा। इसके चलते बड़ी तादाद में लोगों की जान जाएगी। बता दें कि भारत में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और वैज्ञानिकों द्वारा तीसरी की भी संभावना जताई गई है। जर्मनी के हेडलबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल हेल्थ और चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल सांइस ने कोरोना वायरस के जीवन भर ज़िंदा रहने का दावा किया है। इनकी रिसर्च रिपोर्ट को जनरल साइंटिफिक में भी प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में इस वायरस के प्रचंड रूप में जीवित रहने के अलावा कोरोना को लेकर कई अन्य बातें भी बताई गई हैं। इसमें कहा गया है कि विश्व के उत्तरी और दक्षिणी देशों में कोरोना का कहर ज़्यादा रहेगा। साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि चाहे गर्मी हो या सर्दी किसी भी मौसम में कोरोना की प्रचंडता कम नहीं होने वाली। शोधकर्ताओं ने यह रिपोर्ट 117 देशों के आंकड़ों के आधार पर तैयार की है। शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना से बचाव ही एकमात्र उपाय है। इसके लिए ज़रूरी है कि टीकाकरण के बाद भी कोरोना से बचने के लिए बनाए गए मानकों का लगातार पालन करते रहें।
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