कोरोना ने चीन के उद्योग-धंधो को दी गति, अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ने का अनुमान

पूरी दुनिया में कोरोनावायरस सबसे पहले चीन में पाया गया और जल्द ही इसने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया। इसकी रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन से पूरी दुनिया के आर्थिक जगत में उथल-पुथल मच गई लेकिन अब वही चीन दुनिया की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है जो साल 2020 में सिकुड़ेगी नहीं बल्कि बढ़ेगी। चीनी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद यानि जीडीपी में 4.9% की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है।
ज़ाहिर है ये एक बड़ी उपलब्धि है क्यूंकि भारत में स्तिथि तो इससे उलट है। दरअसल, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास आशंका जता चुके है की भारत की अर्थव्यवस्था इस वर्ष 9.6 फीसदी सिकुड़ सकती है।
आंकड़े बताते है की महामारी से हुए आर्थिक नुक्सान से चीन तेज़ी से उभर रहा है। जहा जनवरी-मार्च तिमाही में चीन की जीडीपी 5.3% घटी, वही अप्रैल-जून में इसमें 3.2% की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई और जुलाई-सितंबर में इसमें और सुधार हुआ। इसी महीने की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पूर्वानुमान जारी किया था की चीन की जीडीपी इस साल 1.9% बढ़ जाएगी। मशहूर अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक चीन की जीडीपी में उछाल का सबसे बड़ा कारण है, सरकार समर्थित औद्योगिक क्रांति। मसलन, सितंबर तिमाही में औद्योगिक उत्पादन 6.9% बढ़ा है। जानकारों के मुताबिक चीन के लिए कोविड 19 महामारी ने वास्तव में उद्योग-धंधो को बढ़ावा दिया है। चीन की जीडीपी में बढ़ोतरी इस बात को रेखांकित करती है की अर्थव्यवस्था में सुधार तभी संभव है जब महामारी पर काबू पा लिया जाये। न केवल चीन ने वायरस के प्रसार को रोका, बल्कि वे अन्य प्रमुख देशों के विपरीत, अब तक संक्रमण की एक दूसरी लहर को रोकने में भी सक्षम रहा है। अमेरिका, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वह इस वक़्त तीसरी लहर देखी जा रही है, जबकि भारत जैसे देशों में यूं तो पहली लहर कमजोर पड़ रही है लेकिन फिर भी बहुत अधिक संख्या में संक्रमित मरीज देखने को मिल रहे है। भारत में इसी महीने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे आने वाले हैं जो बताएंगे की अर्थव्यवस्था कितने दबाव में है। आसान भाषा में कहें तो भारत जहा अभी कोरोना और अर्थव्यवस्था दोनों मोर्चो पर झूझ रहा है, वही चीन दोनों ही मोर्चो पर बढ़त बना रहा है।
आंकड़े बताते है की महामारी से हुए आर्थिक नुक्सान से चीन तेज़ी से उभर रहा है। जहा जनवरी-मार्च तिमाही में चीन की जीडीपी 5.3% घटी, वही अप्रैल-जून में इसमें 3.2% की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई और जुलाई-सितंबर में इसमें और सुधार हुआ। इसी महीने की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पूर्वानुमान जारी किया था की चीन की जीडीपी इस साल 1.9% बढ़ जाएगी। मशहूर अखबार फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक चीन की जीडीपी में उछाल का सबसे बड़ा कारण है, सरकार समर्थित औद्योगिक क्रांति। मसलन, सितंबर तिमाही में औद्योगिक उत्पादन 6.9% बढ़ा है। जानकारों के मुताबिक चीन के लिए कोविड 19 महामारी ने वास्तव में उद्योग-धंधो को बढ़ावा दिया है। चीन की जीडीपी में बढ़ोतरी इस बात को रेखांकित करती है की अर्थव्यवस्था में सुधार तभी संभव है जब महामारी पर काबू पा लिया जाये। न केवल चीन ने वायरस के प्रसार को रोका, बल्कि वे अन्य प्रमुख देशों के विपरीत, अब तक संक्रमण की एक दूसरी लहर को रोकने में भी सक्षम रहा है। अमेरिका, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वह इस वक़्त तीसरी लहर देखी जा रही है, जबकि भारत जैसे देशों में यूं तो पहली लहर कमजोर पड़ रही है लेकिन फिर भी बहुत अधिक संख्या में संक्रमित मरीज देखने को मिल रहे है। भारत में इसी महीने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे आने वाले हैं जो बताएंगे की अर्थव्यवस्था कितने दबाव में है। आसान भाषा में कहें तो भारत जहा अभी कोरोना और अर्थव्यवस्था दोनों मोर्चो पर झूझ रहा है, वही चीन दोनों ही मोर्चो पर बढ़त बना रहा है।
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