अवमानना केस: सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण पर 1 रूपये का जुर्माना लगाया, नहीं भरने पर तीन महीने की जेल

कोर्ट की अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर 1 रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा है की अगर प्रशांत भूषण जुर्माने की राशि को 15 सितंबर तक नहीं भरते है तो उन्हें 3 महीने की जेल होगी और उनकी वकालत पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा।
इससे पहले 26 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सज़ा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था । फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ की अगुवाई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना करने के लिए माफी मांग लेनी चाहिए और माफी मांगने में कुछ गलत नहीं है। जस्टिस मिश्रा ने कहा था ''
जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा, ‘माफी एक जादुई शब्द है, जो कई चीज़ों को ठीक कर देता है। मैं आमतौर पर प्रशांत से कह रहा हूं कि अगर आप माफी मांगेंगे तो आप महात्मा गांधी की श्रेणी में शामिल होंगे। गांधी जी ऐसा करते थे। इसपर प्रशांत भूषण की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा, ‘मैं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को याद दिलाता हूं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘भ्रष्ट न्यायधीश’ वाले बयान पर आपकी लॉर्डशिप ने कोई अवमानना का केस नहीं चलाया था ।’ वरिष्ठ वकील डॉक्टर राजीव धवन ने आगे कहा कि अगर कड़ी आलोचना नहीं होगी तो ‘सुप्रीम कोर्ट ढह जाएगा।’ राजीव धवन कह चुके है प्रशांत भूषण पर माफी मांगने के लिए दबाव डाला जा रहा हैं। कोर्ट के बार-बार माफी की अपील वाली बात को वकील राजीव धवन ने ‘ज़बरदस्ती का अभ्यास’ बताया था। वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी कहा था जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती प्रशांत भूषण को सज़ा नहीं दी सकती। उन्होंने कहा कि मामले में भूषण को सजा दिए बिना रफा-दफा कर देना चाहिए। बता दें प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के दो मामले चल रहे हैं। इससे पहले कोर्ट ने 2009 के अवमानना मामले की सुनवाई उच्च बेंच के लिए सूचिबद्ध करने के लिए निर्देश दिए, जिसकी सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा, ‘माफी एक जादुई शब्द है, जो कई चीज़ों को ठीक कर देता है। मैं आमतौर पर प्रशांत से कह रहा हूं कि अगर आप माफी मांगेंगे तो आप महात्मा गांधी की श्रेणी में शामिल होंगे। गांधी जी ऐसा करते थे। इसपर प्रशांत भूषण की तरफ से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा, ‘मैं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को याद दिलाता हूं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘भ्रष्ट न्यायधीश’ वाले बयान पर आपकी लॉर्डशिप ने कोई अवमानना का केस नहीं चलाया था ।’ वरिष्ठ वकील डॉक्टर राजीव धवन ने आगे कहा कि अगर कड़ी आलोचना नहीं होगी तो ‘सुप्रीम कोर्ट ढह जाएगा।’ राजीव धवन कह चुके है प्रशांत भूषण पर माफी मांगने के लिए दबाव डाला जा रहा हैं। कोर्ट के बार-बार माफी की अपील वाली बात को वकील राजीव धवन ने ‘ज़बरदस्ती का अभ्यास’ बताया था। वहीं अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी कहा था जबतक जांच पूरी नहीं हो जाती प्रशांत भूषण को सज़ा नहीं दी सकती। उन्होंने कहा कि मामले में भूषण को सजा दिए बिना रफा-दफा कर देना चाहिए। बता दें प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के दो मामले चल रहे हैं। इससे पहले कोर्ट ने 2009 के अवमानना मामले की सुनवाई उच्च बेंच के लिए सूचिबद्ध करने के लिए निर्देश दिए, जिसकी सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
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