Budget LIVE: संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण शुरु हो गया है। वित्त मंत्री के भाषण से पहले शेयर बाज़ार में तेज़ी देखी जा रही थी। बजट भाषण से पहले वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया था जिसमें चालू वित्त वर्ष में हुए काम और आगे के लक्ष्यों के बारे में जानकारी दी गई थी।
Budget Speech LIVE
1. भारत ने 16 जनवरी, 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया था। इस वित्तीय वर्ष के साथ-साथ अगले वित्त वर्ष में टीकाकरण पर होने वाला खर्च बजट में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला आंकड़ा हो सकता। चालू वित्त वर्ष के लिए वैक्सीन खर्च का बजट अनुमान 35,000 करोड़ रुपये रहा था। 2. मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए बजटीय राजकोषीय घाटा, जो सरकारी ख़र्च और आय के बीच का अंतर है, पिछले वित्त वर्ष में 9.3 फीसदी के मुक़ाबले अब 6.8 फीसदी पर है। ऐसे में देखना होगा कि सरकार अपने इस राजकोषीय घाटे पर कंट्रोल के लिए क्या ऐलान करती है। 3. सरकार ने बजट में निर्धारित उच्च विनिवेश लक्ष्यों को शायद ही कभी पूरा किया हो। निजीकरण पर ध्यान देने और फिसकल कंसोलिडेशन और कैपिटल एक्सपेंडिचर को ध्यान में रखते हुए संख्या पर करीब से नजर रखी जा सकती है। केन्द्र सरकार ने 2019-20 के बजट में 2022 तक डिसइन्वेस्टमेंट से 1.75 लाख करोड़ रूपये जुटाने का लक्ष्य रखा था जो पूरा नहीं हो सका है। मसलन सरकार का यह लक्ष्य 92 फीसदी पीछे है और सरकार 2021-22 तक अपने लक्ष्य का सिर्फ 8 फीसदी ही जुटा सकी है। 4. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित कैपिटल एक्सपेंडिचर 5.5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा होने का अनुमान है। सरकार को बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ज़ोर देना होगा और यह संख्या अगले वित्त वर्ष के लिए भी ध्यान में रहेगी। 5. सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च, 2022) के लिए टैक्स कलेक्शन में 9.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 22.2 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है। अगले वित्त वर्ष में आर्थिक सर्वेक्षण में 8-8.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाने के साथ, टैक्स कलेक्श में उछाल देखा जा सकता है।
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1. भारत ने 16 जनवरी, 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया था। इस वित्तीय वर्ष के साथ-साथ अगले वित्त वर्ष में टीकाकरण पर होने वाला खर्च बजट में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला आंकड़ा हो सकता। चालू वित्त वर्ष के लिए वैक्सीन खर्च का बजट अनुमान 35,000 करोड़ रुपये रहा था। 2. मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए बजटीय राजकोषीय घाटा, जो सरकारी ख़र्च और आय के बीच का अंतर है, पिछले वित्त वर्ष में 9.3 फीसदी के मुक़ाबले अब 6.8 फीसदी पर है। ऐसे में देखना होगा कि सरकार अपने इस राजकोषीय घाटे पर कंट्रोल के लिए क्या ऐलान करती है। 3. सरकार ने बजट में निर्धारित उच्च विनिवेश लक्ष्यों को शायद ही कभी पूरा किया हो। निजीकरण पर ध्यान देने और फिसकल कंसोलिडेशन और कैपिटल एक्सपेंडिचर को ध्यान में रखते हुए संख्या पर करीब से नजर रखी जा सकती है। केन्द्र सरकार ने 2019-20 के बजट में 2022 तक डिसइन्वेस्टमेंट से 1.75 लाख करोड़ रूपये जुटाने का लक्ष्य रखा था जो पूरा नहीं हो सका है। मसलन सरकार का यह लक्ष्य 92 फीसदी पीछे है और सरकार 2021-22 तक अपने लक्ष्य का सिर्फ 8 फीसदी ही जुटा सकी है। 4. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित कैपिटल एक्सपेंडिचर 5.5 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा होने का अनुमान है। सरकार को बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ज़ोर देना होगा और यह संख्या अगले वित्त वर्ष के लिए भी ध्यान में रहेगी। 5. सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च, 2022) के लिए टैक्स कलेक्शन में 9.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 22.2 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा है। अगले वित्त वर्ष में आर्थिक सर्वेक्षण में 8-8.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाने के साथ, टैक्स कलेक्श में उछाल देखा जा सकता है।
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