BSP 'बीजेपी की बी-टीम' मुस्लिम मतदाताओं पर दांव खेल सपा गठबंधन का खेल बिगाड़ रही है ?
देखने वाली बात होगी कि उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाता परिवर्तन के लिए मतदान करते हैं या वे अपना प्रतिनिधि चुनने पर ज़्यादा ज़ोर देते हैं...

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने दिलचस्प मोड़ पर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान है। 7.12 की आबादी वाले इस क्षेत्र में विधानसभा की 144 सीटें हैं जिनपर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 26 फीसदी है। भाजपा को छोड़ बीएसपी, एसपी और कांग्रेस इन्हीं मतदाताओं को लुभाने में जुटी है।
चुनावी मैदान में एक लहर के अलावा उम्मीदवारों की जाति और धर्म भी हार जीत तय करती है। जैसा की अन्य विपक्षी दल हमेशा से बहुजन समाज पार्टी पर बीजेपी की बी-टीम होने का आरोप लगाती रही है वो इस चुनाव में साफतौर से देखा भी जा सकता है। मसलन पश्चिमी यूपी में जहां पहले चरण में मतदान होने हैं, बसपा सुप्रीमो मायावति ने 31 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
बीएसपी पश्चिमी यूपी में 144 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और पार्टी ने इनमें 44 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो सपा-रालोद गठबंधन को नुक़सान पहुंचा सकता है। मुस्लिम उम्मीदवारों के बारे में जहां राय है कि वे बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए मतदान करते हैं, वहीं यह भी कहा जा सकता है कि मुस्लिम मतदाता अपने प्रतिनिधि की खोज में भी है। ऐसे में मुस्लिम मतदाता के बंटने की संभावना ज़्यादा है। मसलन पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन ने 24 फीसदी या 34 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस की तरफ से 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं। ग़ौरतलब है कि 28 सीटें ऐसी हैं जहां सपा-रालोद गठबंधन, बीएसपी और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने सामने हैं और सपा गठबंधन ने जातीय समीकरण को बरक़रार रखने के लिए ज़्यादातर सीटों पर जाट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
बीएसपी पश्चिमी यूपी में 144 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और पार्टी ने इनमें 44 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जो सपा-रालोद गठबंधन को नुक़सान पहुंचा सकता है। मुस्लिम उम्मीदवारों के बारे में जहां राय है कि वे बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए मतदान करते हैं, वहीं यह भी कहा जा सकता है कि मुस्लिम मतदाता अपने प्रतिनिधि की खोज में भी है। ऐसे में मुस्लिम मतदाता के बंटने की संभावना ज़्यादा है। मसलन पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन ने 24 फीसदी या 34 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस की तरफ से 35 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं। ग़ौरतलब है कि 28 सीटें ऐसी हैं जहां सपा-रालोद गठबंधन, बीएसपी और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने सामने हैं और सपा गठबंधन ने जातीय समीकरण को बरक़रार रखने के लिए ज़्यादातर सीटों पर जाट उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
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