सैलरी में 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी समेत तमाम मागों को लेकर बैंक कर्मचारी सड़क पर

सैलरी में 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी समेत तमाम मागों को लेकर बंगलुरू, हुबली, कलबुर्गी से लेकर लुधियाना, अंबाला, मुरादाबाद, कोलकाता और अगरतला समेत दर्जनों शहरों में 10 लाख बैंक कर्मचारी सड़क पर हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की अपील पर बुलाई गई हड़ताल से बैंकिंग व्यवस्था लगभग जाम हो गई है. हड़ताल के पहले दिन देशभर में 31 चेक क्लियर नहीं हो सके.
तनख़्वाह में इज़ाफ़ा समेत तमाम मांगों को लेकर 10 लाख से ज़्यादा बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से बैंकिंग सेवा ठप हो गई है. हड़ताल के पहले दिन 23 हज़ार करोड़ रुपए की क़ीमत वाले 31 लाख चेक क्लियर नहीं हो सके. ग्राहकों को कैश जमा करने और कैश निकालने के लिए भटकना पड़ा और और कर्ज़ की रक़म जारी करने का काम भी ठप पड़ा रहा. इस हड़ताल का असर देशभर में सरकारी बैंकों में देखने को मिल रहा है. बंगलुरू से लेकर अगरतला तक बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो 1 अप्रैल से पूरी बैंकिंग व्यवस्था को जाम कर देंगे.
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बैंक कर्मचारियों की तनख़्वाह में कम से कम 20 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए. कॉरपोरेट कंपनियों के एनपीए की गाज उनपर नहीं गिरनी चाहिए. तनख़्वाह में इज़ाफ़े के अलावा भी बैंक कर्मचारियों की कई मांगें हैं जो पूरी नहीं होने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वीडियो देखिये यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंकर्स ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज़ असोसिएशन और नेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ यूनियनें शामिल हैं. इन संगठनों ने साफ किया है कि अगर उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं आया तो 11, 12 और 13 मार्च को फिर हड़ताल की जाएगी और 1 अप्रैल से सभी बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बैंक कर्मचारियों की तनख़्वाह में कम से कम 20 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए. कॉरपोरेट कंपनियों के एनपीए की गाज उनपर नहीं गिरनी चाहिए. तनख़्वाह में इज़ाफ़े के अलावा भी बैंक कर्मचारियों की कई मांगें हैं जो पूरी नहीं होने तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वीडियो देखिये यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंकर्स ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज़ असोसिएशन और नेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत नौ यूनियनें शामिल हैं. इन संगठनों ने साफ किया है कि अगर उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं आया तो 11, 12 और 13 मार्च को फिर हड़ताल की जाएगी और 1 अप्रैल से सभी बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
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