ऑक्सफोर्ड के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कोरोना का ट्रायल रोकने की तैयारी

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोनावायरस की वैक्सीन का ट्रायल रुकने के बाद इसे दुनिया के सभी देशों में रोक दिया गया है. हालांकि भारत में इसका ट्रायल कर रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में जारी प्रक्रिया के चलते उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सीरम इंस्टीट्यूट से पूछा गया है कि जब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी समेत पूरे विश्व में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया है तो उसे ट्रायल के लिए दी गई अनुमति को क्यों ना रोक दिया जाये.
अपने नोटिस में डीसीजीआई ने कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए पूछा है जब अमेरिका, यूके, ब्राज़ील और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल रोक दिया गया है, तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसकी जानकारी सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी को क्यों नहीं दी और मरीजों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के संबंध में कोई रिपोर्ट भी क्यों नहीं सौंपी.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोनावायरस वैक्सीन सबसे एडवांस चरण में है और पूरी दुनिया की इसपर निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि वैक्सीन बनाने के तीसरे और सबसे अहम चरण के दौरान ट्रायल उस वक़्त रोकना पड़ा जब एक वॉलंटियर की तबीयत खराब हो गई. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इसे एक रूटीन रुकावट बताया है लेकिन इस वैक्सीन का इंतज़ार कर रहे तमाम देशों को तगड़ा झटका लगा है. अब अगर इस वैक्सीन का ट्रायल दोबारा शुरू भी होता है तो आने में देरी होना तय है. इस वैक्सीन का ट्रायल यूके, यूएस समेत तमाम देशों के अलावा भारत में भी हो रहा है जिसकी ज़िम्मेदारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया को दी गई है. हालांकि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा है कि अगर कारण बताओ नोटिस का जवाब जल्दी नहीं दिया गया तो यह मान लिया जाएगा कि सीएम इंस्टिट्यूट के पास कोई भी सफाई नहीं है और फिर उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा कि हमने किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं किया है और परिक्षण जारी रखेंगे. लेकिन सुरक्षा को लेकर डीजीसीआई को चिंता है तो निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. इन सबके बीच दुनिया में कोरोनावायरस के सबसे ज़्यादा मरीज़ भारत में मिल रहे हैं. बीते 24 घंटे में देशभर में 95 हज़ार से ज़्यादा कोरोना मरीज़ मिले हैं और कुल संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 44 लाख के पार पहुंच गया है. राजधानी दिल्ली में पहली बार चार हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ मिलने के बाद कोरोना मरीज़ दो लाख से ज़्यादा हो गए हैं.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की कोरोनावायरस वैक्सीन सबसे एडवांस चरण में है और पूरी दुनिया की इसपर निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि वैक्सीन बनाने के तीसरे और सबसे अहम चरण के दौरान ट्रायल उस वक़्त रोकना पड़ा जब एक वॉलंटियर की तबीयत खराब हो गई. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इसे एक रूटीन रुकावट बताया है लेकिन इस वैक्सीन का इंतज़ार कर रहे तमाम देशों को तगड़ा झटका लगा है. अब अगर इस वैक्सीन का ट्रायल दोबारा शुरू भी होता है तो आने में देरी होना तय है. इस वैक्सीन का ट्रायल यूके, यूएस समेत तमाम देशों के अलावा भारत में भी हो रहा है जिसकी ज़िम्मेदारी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया को दी गई है. हालांकि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कहा है कि अगर कारण बताओ नोटिस का जवाब जल्दी नहीं दिया गया तो यह मान लिया जाएगा कि सीएम इंस्टिट्यूट के पास कोई भी सफाई नहीं है और फिर उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ आदर पूनावाला ने कहा कि हमने किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं किया है और परिक्षण जारी रखेंगे. लेकिन सुरक्षा को लेकर डीजीसीआई को चिंता है तो निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. इन सबके बीच दुनिया में कोरोनावायरस के सबसे ज़्यादा मरीज़ भारत में मिल रहे हैं. बीते 24 घंटे में देशभर में 95 हज़ार से ज़्यादा कोरोना मरीज़ मिले हैं और कुल संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 44 लाख के पार पहुंच गया है. राजधानी दिल्ली में पहली बार चार हज़ार से ज़्यादा नए मरीज़ मिलने के बाद कोरोना मरीज़ दो लाख से ज़्यादा हो गए हैं.
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