किसान आंदोलन का 9वां दिन: अबतक सात किसानों की मौत, 'जारी रहेगा आंदोलन'
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस लेते हुए, उनकी मांगे नहीं मानती तबतक वो डंटे रहेंगे।

केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 9वें दिन भी जारी है और अब तक कुल सात किसानों की जान भी जा चुकी है। गुरुवार की देर शाम सरकार के साथ हुई चौथे दौर की चर्चा में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एक सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई है और अब 5 दिसंबर को अगले दौर की बात होना तय हुआ।
मगर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस लेते हुए, उनकी मांगे नहीं मानती तबतक वो डंटे रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, कि हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने यूपी गेट पर किसानों की महापंचायत को संबोधित करते हुए, किसानों का उत्पाद एमएसपी से कम कीमत पर खरीदने वाले लोगों के लिए कैद की सजा का सांविधिक प्रावधान करने की मांग करते हुए कहा कि एमएसपी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। सरकार को अवश्य ही लिखित में यह आश्वासन देना चाहिए कि कोई व्यापारिक समूह या व्यापारी यदि एमएसपी से कम कीमत पर कृषि उत्पाद खरीदेगा तो उसे जेल होगी। उन्होंने कहा, एमएसपी किसानों के जीवन और मृत्यु का विषय है और इसके साथ कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है। सरकार से साथ हुई बैठक के बाद आज़ाद किसान संघर्ष समिति के हरजिंदर सिंह टाडा ने कहा कि सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं, कि न्यूनतम समर्थन मूल्य रहेगी। बात थोड़ी आगे बढ़ी है। लेकिन हम लोगों ने कहा है कि आंदोलन जारी रहेगा खत्म नहीं होगा। तीनों कानून वापिस लो और उसके बाद एमएसपी पर गारंटी दी जाए।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं।" #FarmersProtest pic.twitter.com/5MpS18Q8Uz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2020
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वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने यूपी गेट पर किसानों की महापंचायत को संबोधित करते हुए, किसानों का उत्पाद एमएसपी से कम कीमत पर खरीदने वाले लोगों के लिए कैद की सजा का सांविधिक प्रावधान करने की मांग करते हुए कहा कि एमएसपी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। सरकार को अवश्य ही लिखित में यह आश्वासन देना चाहिए कि कोई व्यापारिक समूह या व्यापारी यदि एमएसपी से कम कीमत पर कृषि उत्पाद खरीदेगा तो उसे जेल होगी। उन्होंने कहा, एमएसपी किसानों के जीवन और मृत्यु का विषय है और इसके साथ कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है। सरकार से साथ हुई बैठक के बाद आज़ाद किसान संघर्ष समिति के हरजिंदर सिंह टाडा ने कहा कि सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं, कि न्यूनतम समर्थन मूल्य रहेगी। बात थोड़ी आगे बढ़ी है। लेकिन हम लोगों ने कहा है कि आंदोलन जारी रहेगा खत्म नहीं होगा। तीनों कानून वापिस लो और उसके बाद एमएसपी पर गारंटी दी जाए।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खुद कबूला की किसानों के आंदोलन समाप्त करने के लिए विषय पर कोई बात नहीं हुई। लेकिन उन्होंने कहा कि किसानों से आग्रह करता हूं कि सर्दी को देखते हुए किसान भाई आंदोलन समाप्त करें। बातचीत का सिलसिला अच्छी रही और जारी है। अब 5 दिसम्बर को फिर बातचीत होगा। हालाँकि, नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से यह कहा गया है कि किसान संगठनों के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक हुई है। लेकिन बैठक के दौरान किसनों द्वारा सरकार खाने और शाम की चाय के इंतज़ाम किये गए थे। मगर किसानों में रोष इतना ज्यादा था कि उन्होंने सिंघु बॉर्डर से पाना खाना मंगवाया। बैठक के बाद बहार आने के बाद भी किसानों ने जो कहा वह कृषि मंत्री की बात से मेल नहीं खाता। किसानों ने साफ़ कहा है जब तक सरकार तीनों कानून वपव नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।सरकार मानती है कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) रहेगी। बात आगे बढ़ी है। हम लोगों ने कहा कि तीनों कानून वापिस लो। उसके बाद MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी दी जाए : हरजिंदर सिंह टाडा, आज़ाद किसान संघर्ष समिति, सरकार के साथ बैठक के बाद #FarmersProtest pic.twitter.com/qjB74365Nt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
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