94 फीसदी से ज़्यादा बलात्कार की घटनाओं में आरोपी, पीड़िता के जानकार: NCRB

हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई दरिंदगी को लेकर हर रोज़ नए दावे किए जा रहे हैं। अब इस कांड के आरोपियों ने हाथरस पुलिस को चिट्ठी लिखकर पीड़िता की मां और उनके भाई पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मामले में मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर ने दावा किया है कि वो और पीड़िता ‘दोस्त’ थे और फोन पर अक्सर बात करते थे। कई खबरिया चैनल भी बार बार इस बात को तरजीह दे रहे है की पीड़िता और आरोपी के बीच 100 से ज्यादा बार फ़ोन पर बात हुई।
लेकिन सच्चाई ये है की नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक बलात्कार की घटनाओं में 94.2 फीसदी आरोपी पीड़िता के जानकर ही होते है। और तो और, इस बात से कोर्ट में मामले पर कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता है ।
एनसीआरबी के साल 2019 की रिपोर्ट बताती है पिछले साल देशभर में कुल 32,033 बलात्कार के मामले दर्ज हुए और इनमें 30,165 मामले ऐसे थे जिनमें आरोपी और पीड़िता एक दूसरे को जानते थे। यही नहीं रिपोर्ट बताती है कि ज़्यादातर मामलों में आरोपी या तो दोस्त, ऑनलाइन-दोस्त या लिव-इन पार्टनर्स होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2019 में दर्ज़ हुए 16,311 बलात्कार के मामलो में पीड़िता ने आरोपी पर शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाया। वहीं अन्य 10,938 रेप के मामलों में आरोपी या तो पारिवारिक दोस्त, नज़दीकी, दफ्तर में काम करने वाला साथी या अन्य करीबी था। सबसे डरावना पहलू ये है की पिछले साल देशभर में 2,916 रेप के ऐसे मामले सामने आए जिनमें परिवार के ही सदस्यों पर बलात्कार का आरोप लगा। इनके अलावा, बता दें कुल बलात्कार के मामलों में महज़ 1,868 ऐसे मामले दर्ज हुए जिनमें आरोपी और पीड़िता के बीच कोई संबंध नहीं था। इन आंकड़ों से ज़ाहिर है की कि देश में बलात्कार के 94.2 फीसदी मामलों में आरोपी और पीड़िता एक दूसरे के करीबी थे। ज़ाहिर है अगर पीड़िता और आरोपी के बीच संबंध को निर्दोष होने का आधार बनाया जाये तो काफी आरोपी ऐसे ही अपराध से बच जायेंगे।
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एनसीआरबी के साल 2019 की रिपोर्ट बताती है पिछले साल देशभर में कुल 32,033 बलात्कार के मामले दर्ज हुए और इनमें 30,165 मामले ऐसे थे जिनमें आरोपी और पीड़िता एक दूसरे को जानते थे। यही नहीं रिपोर्ट बताती है कि ज़्यादातर मामलों में आरोपी या तो दोस्त, ऑनलाइन-दोस्त या लिव-इन पार्टनर्स होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2019 में दर्ज़ हुए 16,311 बलात्कार के मामलो में पीड़िता ने आरोपी पर शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाया। वहीं अन्य 10,938 रेप के मामलों में आरोपी या तो पारिवारिक दोस्त, नज़दीकी, दफ्तर में काम करने वाला साथी या अन्य करीबी था। सबसे डरावना पहलू ये है की पिछले साल देशभर में 2,916 रेप के ऐसे मामले सामने आए जिनमें परिवार के ही सदस्यों पर बलात्कार का आरोप लगा। इनके अलावा, बता दें कुल बलात्कार के मामलों में महज़ 1,868 ऐसे मामले दर्ज हुए जिनमें आरोपी और पीड़िता के बीच कोई संबंध नहीं था। इन आंकड़ों से ज़ाहिर है की कि देश में बलात्कार के 94.2 फीसदी मामलों में आरोपी और पीड़िता एक दूसरे के करीबी थे। ज़ाहिर है अगर पीड़िता और आरोपी के बीच संबंध को निर्दोष होने का आधार बनाया जाये तो काफी आरोपी ऐसे ही अपराध से बच जायेंगे।
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