दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में भारत के 22 शहर, राजधानी में टॉप पर है दिल्ली : IQAir

प्रदूषण के हालातों को देखते हुए भारत एक गंभीर स्थिति में पहुँच गया है, और यह इसलिए क्योंकि दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 22 शहर केवल भारत के हैं। इनमें गाज़ियाबाद विश्व का दूसरा सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर है। वहीं, विश्व का सबसे प्रदूषित शहर चीन का शिनजियांग है। वहीं स्विस संगठन IQAir द्वारा जारी रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी करार दिया गया है।
रिपोर्ट में हालांकि, ये भी बताया गया है कि 2019 के मुकाबले 2020 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन सुधार के बावजूद दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है, लेकिन राजधानी शहरों की बात करें, तो दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। डराने वाली बात यह है कि शिनजियांग के बाद नौ सबसे प्रदूषित शहर भारत के ही हैं।
रिपोर्ट में दिल्ली के अलावा जिन भारतीय शहरों के नाम हैं उनमें सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश से हैं। गाज़ियाबाद दूसरा, बुलंदशहर तीसरा, बिसरख जलालपुर चौथा, नोएडा पांचवां, ग्रेटर नोएडा छठा, कानपुर सातवां, लखनऊ आठवां, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर। वहीं हरियाणा के फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, बंधवाड़ी, गुरुग्राम, यमुना नगर, रोहतक और धारूहेड़ा, जबकि राजस्थान का भिवाड़ी नौवां सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। वहीं बिहार का मुजफ्फरपुर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल है। वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वायु प्रदूषण के सबसे बड़े कारकों में वाहन, खाना बनाने के लिए जैव ईंधन का इस्तेमाल, विद्युत उत्पादन, उद्योग, निर्माण, कबाड़ व पराली जलाना शामिल है। इसमें वाहनों से सबसे ज़्यादा पीएम 2.5 का उत्सर्जन होता है। वैसे आपको बता दें कि 2020 में दुनिया के चालीस सबसे प्रदूषित शहरों में से 37 शहर दक्षिण एशिया के थे। इसी वजह से दक्षिण एशिया में लगभग 13 से 22 फीसदी मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई हैं। लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने के अलावा वायु प्रदूषण की वजह से दक्षिण एशिया की जीडीपी को 7.4 फीसदी का नुकसान हुआ है। वहीं भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग सबसे ख़राब वायु गुणवत्ता का अनुभव करते हैं। वैसे पूरी दुनिया में दक्षिण और पूर्वी एशियाई देश में क़रीब क़रीब सबसे ज्यादा प्रदूषित जगहें मानी जाती हैं। हर साल करीब 70 लाख से ज्यादा मौत वायु प्रदूषण की वजह से होती हैं। इन मौतों में 600,000 से भी ज्यादा बच्चे शामिल हैं। साल 2020 में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगने की वजह से कई शहरों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली थी। जबकि चार देशों में प्रदूषण पूरी तरह से खत्म हो गया था। पर अगर मौजूदा हालात देखें तो ऐसा लगता है जैसे सरकारों को तमाम ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है क्यूँकि अभी नहीं तो फिर कभी नहीं।
रिपोर्ट में दिल्ली के अलावा जिन भारतीय शहरों के नाम हैं उनमें सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश से हैं। गाज़ियाबाद दूसरा, बुलंदशहर तीसरा, बिसरख जलालपुर चौथा, नोएडा पांचवां, ग्रेटर नोएडा छठा, कानपुर सातवां, लखनऊ आठवां, मेरठ, आगरा और मुजफ्फरनगर। वहीं हरियाणा के फरीदाबाद, जींद, हिसार, फतेहाबाद, बंधवाड़ी, गुरुग्राम, यमुना नगर, रोहतक और धारूहेड़ा, जबकि राजस्थान का भिवाड़ी नौवां सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है। वहीं बिहार का मुजफ्फरपुर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल है। वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वायु प्रदूषण के सबसे बड़े कारकों में वाहन, खाना बनाने के लिए जैव ईंधन का इस्तेमाल, विद्युत उत्पादन, उद्योग, निर्माण, कबाड़ व पराली जलाना शामिल है। इसमें वाहनों से सबसे ज़्यादा पीएम 2.5 का उत्सर्जन होता है। वैसे आपको बता दें कि 2020 में दुनिया के चालीस सबसे प्रदूषित शहरों में से 37 शहर दक्षिण एशिया के थे। इसी वजह से दक्षिण एशिया में लगभग 13 से 22 फीसदी मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई हैं। लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने के अलावा वायु प्रदूषण की वजह से दक्षिण एशिया की जीडीपी को 7.4 फीसदी का नुकसान हुआ है। वहीं भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोग सबसे ख़राब वायु गुणवत्ता का अनुभव करते हैं। वैसे पूरी दुनिया में दक्षिण और पूर्वी एशियाई देश में क़रीब क़रीब सबसे ज्यादा प्रदूषित जगहें मानी जाती हैं। हर साल करीब 70 लाख से ज्यादा मौत वायु प्रदूषण की वजह से होती हैं। इन मौतों में 600,000 से भी ज्यादा बच्चे शामिल हैं। साल 2020 में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगने की वजह से कई शहरों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली थी। जबकि चार देशों में प्रदूषण पूरी तरह से खत्म हो गया था। पर अगर मौजूदा हालात देखें तो ऐसा लगता है जैसे सरकारों को तमाम ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है क्यूँकि अभी नहीं तो फिर कभी नहीं।
ताज़ा वीडियो