जम्मू-कश्मीर में क्या हो रहा है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक क्यों बुलाई है?

केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले हफ्ते गुरुवार को यहां एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मीडिया में यह ख़बर सूत्रों के हवाले से चल रही है।
साल 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर पैदा हुए राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए पीएम मोदी का यह पहला और बड़ा क़दम माना जा रहा है।
विधानसभा चुनाव की अटकलों को लेकर समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि, "जून समाप्त होने से पहले केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ चर्चा चाह रही है ताकि राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। इसके तहत केन्द्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी शामिल हैं।"
Central government likely to hold discussions with all regional parties in Jammu and Kashmir before end of June as part of its initiatives to bolster political processes, including holding assembly elections, in union territory: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) June 18, 2021
दरअसल जम्मू-कश्मीर में District Development Council (डीडीसी) के चुनावों के बाद से ही यह क़यास लगाए जा रहे थे कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी भी जल्द हो सकती है। अब केन्द्रशासित प्रदेश में इस नए ङेवलपमेंट के बाद यह संशय ख़त्म होता दिखाई दे रहा है।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के इस बैठक की वजह यह होगी कि केन्द्र सीटों की संख्या और विधानसभा के स्ट्रक्चर को लेकर पहले राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की जाए।
इससे पहले शुक्रवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जम्मू-कश्मीर में कई विकास परियोजनाओं को लेकर एक बैठक की। इस बैठक में अमित शाह के अलावा उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोवाल, गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी निदेशक अरविंद कुमार, रॉ चीफ़ समंत कुमार गोयल, सीआरपीएफ़ महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग़ सिंह भी शामिल थे।
हालांकि इसको लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है। फ्रंटलाइन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी के हवाले से बताया है कि उन्होंने इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र को सूचित करते हुए गंभीर चिंता जताई थी कि भारत कश्मीर में फिर से कुछ नया कर सकता है।
बुधवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था, ''भारत कश्मीर में फिर से अवैध और एकतरफ़ा क़दम उठा सकता है। फिर से विभाजन और वहां की जनसांख्यिकी बदलने के लिए कुछ किया जा सकता है।"
साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले दख़ल देने की मांग भी की। हालांकि भारत हमेशा से कहता रहा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस पर बोलने का कोई हक़ नहीं है।
अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने उस अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था, जो कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।
जम्मू कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला को केंद्र सरकार ने इस फैसले का ऐलान करने से पहले गिरफ्तार कर लिया था। इन्हें कई महीनों के बाद रिहा किया गया था।
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