उज्ज्वला योजना से मोदी को झटका, गैस कनेक्शन बढ़े लेकिन रिफिलिंग 23 फीसदी घटी

केन्द्र की मोदी सरकारन साल 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत आठ करोड़ बीपीएल धारकों को एलपीजी कनेक्शन देने की योजना है। सरकार की ये योजना कितनी सफल रही इस पर कॉम्पट्रोलर ऑफ ऑडिट जनरल यानि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट पेश की है। एक साल में 23 फीसदी से ज़्यादा लोगों ने कनेक्शन तो ले लिये पर गैस नहीं भरवा पाए हैं।
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत साल-दर-साल एलीपीजी कनेक्शन में बढ़ोतरी तो हो रही है लेकिन इसके उपयोगकर्ता में कमी आ रही है। रिपोर्ट के मुताबकि 31 मार्च 2019 तक 7.19 करोड़ घरों तक एलपीजी का कनेक्शन पहुंच गया है जो कि इस योजना का 90 फीसदी है। इस सरकारी योजना के तहत देशभर में 8 करोड़ बीपीएल धारकों को गैस सिलेंडर मुहैया की जानी है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत मुख्यत: औरतों के लिये की गई थी। लेकिन जांच सत्यापन में कमियों के कारण पुरूषों और नाबालिगों के नाम पर भी कनेक्शन बांटे जा रहे हैं। सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि 1.88 लाख पुरषों और 8.59 लाख नाबालिगों के नाम पर एलीपीजी के कनेक्शन दिये गए हैं। साथ ही इस योजना के तहत सात दिनों के भीतर कनेक्शन शुरू किये जाने की योजन है लेकिन करीब 4.35 लाख लोगों को गैस कनेक्शन के लिये अप्लाई करने के बाद एक साल तक का इंतेज़ार करना पड़ा। सीएजी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पांच किलोग्राम की जगह 15 किलोग्राम का सिलेंडर दिया जा रहा है जिससे लोगों को रिफिल करवाने में मुश्किल आ रही है। एक ओर जहां गैस कनेक्शन में बढ़ोतरी हो रही है वहीं दूसरी ओर रिफिलिंग में भारी कमी देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिये गए गैस कनेक्शन में रिफिलिंग की प्रक्रिया में 23.59 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत मुख्यत: औरतों के लिये की गई थी। लेकिन जांच सत्यापन में कमियों के कारण पुरूषों और नाबालिगों के नाम पर भी कनेक्शन बांटे जा रहे हैं। सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि 1.88 लाख पुरषों और 8.59 लाख नाबालिगों के नाम पर एलीपीजी के कनेक्शन दिये गए हैं। साथ ही इस योजना के तहत सात दिनों के भीतर कनेक्शन शुरू किये जाने की योजन है लेकिन करीब 4.35 लाख लोगों को गैस कनेक्शन के लिये अप्लाई करने के बाद एक साल तक का इंतेज़ार करना पड़ा। सीएजी की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पांच किलोग्राम की जगह 15 किलोग्राम का सिलेंडर दिया जा रहा है जिससे लोगों को रिफिल करवाने में मुश्किल आ रही है। एक ओर जहां गैस कनेक्शन में बढ़ोतरी हो रही है वहीं दूसरी ओर रिफिलिंग में भारी कमी देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दिये गए गैस कनेक्शन में रिफिलिंग की प्रक्रिया में 23.59 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
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