MediaOne TV को प्रतिबंधित किए जाने के केन्द्र के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई !

by GoNews Desk 1 year ago Views 9286

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 15 मार्च को मलयालम समाचार चैनल MediaOne TV के लिए सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के केन्द्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया है...

The Supreme Court stayed the Centre's decision to
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 15 मार्च को मलयालम समाचार चैनल MediaOne TV के लिए सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के केन्द्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया है। माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के स्वामित्व वाले चैनल को केन्द्र सरकार द्वारा सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसके प्रसारण को प्रतिबंधित कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चैनल को उसी तरह चलने दिया जाएगा जैसा उसने सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने से पहले किया था। अदालत ने केन्द्र सरकार से 26 मार्च से पहले दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने की मांग की।


मध्यमम समूह की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने तर्क दिया कि लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए सुरक्षा मंजूरी की ज़रूरत नहीं है, और कहा कि चैनल को बंद करने का सरकार का निर्णय इस तथ्य के कारण था कि यह चैनल मुस्लिम स्वामित्व में है। मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के कई निवेशक जमात-ए-इस्लामी के केरल अध्याय के सदस्य हैं।

जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने केन्द्र सरकार की ओर से पेश एसवी राजू से उस खुफिया रिपोर्ट का खुलासा करने को कहा जिसके आधार पर चैनल का सुरक्षा लाइसेंस रद्द किया गया था।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा कि, “आप किसी को अपना व्यवसाय चलाने से मना कर रहे हैं। मामला क्या है?" इस पर दुष्यंत दवे ने जवाब दिया कि केरल हाई कोर्ट के मुताबिक़ कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं है। एससी बेंच ने इसपर जवाब दिया कि यह "सीलबंद कवर न्यायशास्त्र के खिलाफ है"।

MediaOne TV को प्रतिबंधित किए जाने पर केरल हाई कोर्ट का रुख़ !

MediaOne TV ने सुरक्षा आधार पर इसके प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने के केरल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें उसे उन दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा गया था, जिसके आधार पर केरल हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।

केरल हाई कोर्ट ने 2 मार्च को मलयालम समाचार चैनल MediaOne TV पर प्रतिबंध लगाने के एकल-न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखा था। मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति चाली की पीठ ने लाइसेंस का नवीनीकरण न करके इसके प्रसारण को रोकने के केन्द्र सरकार के फैसले के खिलाफ न्यूज चैनल की अपील को खारिज कर दिया था।

सूचना और प्रसारण (आई एंड बी) मंत्रालय ने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किए जाने पर 31 जनवरी को एक आदेश जारी किया था जिसमें चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

लोकसभा में भी उठा MediaOne TV को प्रतिबंधित किए जाने का मुद्दा !

प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में भी यह मुद्दा उठा - सरकार ने कहा कि जिन निजी टीवी चैनलों के ख़िलाफ़ कथित रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक कंटेंट का प्रचार करने के लिए कार्रवाई की जाती है, उन्हें "अपना रुख स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त अवसर" दिए जाते हैं।

केन्द्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने कहा कि निजी टीवी चैनलों के सभी नए और नवीनीकरण आवेदनों की गृह मंत्रालय द्वारा जांच की जाती है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी चैनल की गतिविधि को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'ख़तरा' पाया जाता है, तो गृह मंत्रालय सुरक्षा मंज़ूरी से इनकार करता है जिसके कारण सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया लाइसेंस स्वतः रद्द हो जाता है।

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