वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ रेट के 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान: आर्थिक सर्वेक्षण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की है। सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष (2022-23) में जीडीपी ग्रोथ रेट के 8-8.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है।
चालू वित्त वर्ष (2021-22) में अर्थव्यवस्था के 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। जैसा कि GoNews ने आपको पहले बताया था कि, यह अनुमान 1.8 फीसदी कम है जो पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार ने जनवरी 2022 में सुझाया था।
वित्त मंत्रालय इस साल फिर से अपने अनुमानों में एक चेतावनी जोड़ रहा है जो कि एक धारणा पर आधारित है। एक ऐसी धारणा जिसमें कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुए हालात जैसी कोई आर्थिक संकट नहीं आएगी। आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें: - सर्वेक्षण के मुताबिक़ महामारी में सबसे कम प्रभावित होने वाला क्षेत्र कृषि क्षेत्र रहा जिसमें पिछले साल 3.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई। इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भी इस क्षेत्र में 3.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। - 2021-22 सरकारी खर्च से आने वाले महत्वपूर्ण योगदान के साथ भारत की खपत में 7.0 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। दूसरी तिमाही में सरकार का योगदान 17 फीसदी बढ़ा।
- अमेरिका और चीन के बाद भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। भारत के पूंजी बाज़ारों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है और भारतीय पुंजिपतियों के लिए यह ऐतिहासिक साल रहा। अप्रैल-नवंबर 2021 में, 75 कंपनियों के आईपीओ ने 89,066 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि अप्रैल-नवंबर के दौरान 29 कंपनियों ने 14,733 करोड़ रुपये जुटाए। 2020 में फंड जुटाने में 504.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई। चिंताजनक रूप से, भारत का सर्विस सेक्टर, जो जीडीपी का 50 फीसदी से ज़्यादा है, ने 2021-22 में 8.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हासिल की, जो दर्शाता है कि सेवाएं अभी भी पूर्व-महामारी के स्तर पर नहीं पहुंच सकी है। क्योंकि इस क्षेत्र में पिछले साल 8.4 फीसदी सिकुड़न देखा गया था।
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वित्त मंत्रालय इस साल फिर से अपने अनुमानों में एक चेतावनी जोड़ रहा है जो कि एक धारणा पर आधारित है। एक ऐसी धारणा जिसमें कोरोना महामारी के दौरान पैदा हुए हालात जैसी कोई आर्थिक संकट नहीं आएगी। आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें: - सर्वेक्षण के मुताबिक़ महामारी में सबसे कम प्रभावित होने वाला क्षेत्र कृषि क्षेत्र रहा जिसमें पिछले साल 3.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई। इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भी इस क्षेत्र में 3.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। - 2021-22 सरकारी खर्च से आने वाले महत्वपूर्ण योगदान के साथ भारत की खपत में 7.0 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। दूसरी तिमाही में सरकार का योगदान 17 फीसदी बढ़ा।
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