दशहरे पर जलने वाले रावण के पुतले पर भी पड़ी कोरोना की मार, पुतले का साइज 60% तक घटा

कोरोना काल ने दुनिया को उलट-पुलट कर दिया है और इंसान को क्या क्या नहीं करने में मजबूर कर रहा है। लोगों का बहुत कुछ बिगड़ा, कई लोगों ने इस आपदा को अवसर भी बनाया लेकिन कभी किसी ने यह नहीं सोचा था कि कोरोना की गाज दशानन रावण पर भी गिर सकती है।
रावण ने शायद कभी ख़्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि कभी पृथ्वी लोक पर कोई ऐसी बला भी आएगी जो लंकेश के कद को छोटा कर देगी।
बहरहाल अब मुद्दे पर आते हैं, ताज़ा ख़बरें आ रहीं हैं कि इस बार की दशहरा में दशानन रावण का क़द काफ़ी छोटा होने वाला है। लुधियाना की श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष ने कहा है कि उनके रावण के पुतले का कद पूरे लुधियाना में सबसे बड़ा होता था लेकिन इस बार बहुत छोटा कर दिया जाएगा। बता दें कि पहले वहाँ रावण के पुतले का कद 90-95 फीट तक होता था जो अब 30-35 फीट तक हो जाएगा।
इस कदम पर उन्होंने सफाई देते हुए यह कहा कि माहौल ख़ुशी मनाने का नहीं है, हम जो भी करेंगे प्रतीकात्मक तौर पर ही करेंगे।
वहीं, अधिकांश स्थानों पर रावण के पुतलों का कद घटा कर आधे कर दिया गया है। कुछ स्थानों पर तो रावण के घर के सदस्य कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले ही नदारद रहेंगे। छोला दशहरा मैदान पर पिछले साल 60 फीट और टीटी नगर दशहरा मैदान में 50 फीट के पुतले का दहन किया था। इस बार छोला पर 30 और न्यू मार्केट में 25 फीट ऊँचे पुतले का दहन होगा।
रावण के पुतलों के निर्माण कर्ता कलाकार सुरेश साहू ने बताया कि वे छोला, टीटी नगर के अलावा सात नंबर, कोहेफिजा व कई अन्य स्थानों पर होने वाले दशहरा समारोह के लिए भी रावण के पुतले बना रहे हैं। अधिकांश समितियों ने रावण के पुतलों के कद घटाकर बनाने का आर्डर दिए हैं।
सहारनपुर में बेहट अड्डा रामलीला मैदान पर हर वर्ष 60 से 70 फीट के रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले फूंके जाते थे, लेकिन इस बार 15 फीट का एक ही पुतला तैयार किया जा रहा है, जिसे रामलीला भवन में फूंका जाएगा। कमेटी के प्रधान अनिल अग्रवाल और मंत्री माईदयाल सिंह मित्तल का कहना है कि कोरोना को लेकर सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए ऐसा किया जा रहा है।
रामलीला मैदान बेहट बस अड्डा पर आयोजन करेंगे तो भीड़ हो जाएगी, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है। उत्तर रेलवे नाटक क्लब माल गोदाम रोड के निर्देशक पंकज बजाज ने बताया कि 10 फीट का एक पुतला केवल रावण का बनवाया जा रहा है। बीते वर्ष तक 70 फीट के तीन पुतले फूंके जाते थे। मगर, कोरोना की वजह से सूक्ष्म आयोजन होगा।
यह सब देखकर लगता है कि सच में इस कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को किसी ना किसी तरह से तो बदल ही दिया है।


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