कड़कड़ाती ठंड का आंदोलन पर नहीं असर, मुंबई में आज अंबानी का कॉम्प्लेक्स घेरेंगे किसान
पिछले हफ्ते बाबा संत राम सिंह ने भी आत्महत्या की थी। किसानों के आंदोलन पर सरकार के रवैये से नाराज़गी के चलते उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। किसानों के आंदोलन अब तक कम से कम 22 किसानों की जान भी जा चुकी है।

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसनों आंदोलन 27वें दिन भी जारी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद आंदोलनकारी किसान प्रदर्शन स्थल पर जमे हैं। देश भर में आंदोलन का विस्तार हो रहा है और तमाम राज्यों से किसानों के जत्थे दिल्ली आ रहे हैं। मुंबई में आज किसानों ने अंबानी कॉरपोरेट काम्पलेक्स घेरने का ऐलान किया है। दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। आज भी 11 किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
परिजनों ने बतया कि निरंजन सिंह को प्रदर्शन कर रहे किसानों का कष्ट बर्दाश्त नहीं हुआ। वह काफी दिनों से इस आंदोलन में शामिल हैं और सरकार द्वारा किसानों की अनदेखी के चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया। वहीं पुलिस का कहना है कि निरंजन सिंह फ़िलहाल खतरे से बहार हैं और उनका इलाज जारी है। पिछले हफ्ते बाबा संत राम सिंह ने भी आत्महत्या की थी। किसानों के आंदोलन पर सरकार के रवैये से नाराज़गी के चलते उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। किसानों के आंदोलन अब तक कम से कम 22 किसानों की जान भी जा चुकी है। मंगलवार सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा।
इस बीच सिंघु बॉर्डर के धरने मे शामिल एक बुजुर्ग किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। 65 साल के किसान का नाम निरंजन सिंह और वह पंजाब के तरनतारन के रहने वाले हैं। सोमवार की शाम निरंजन सिंह ने जहर खाया और थोड़ी ही देर बाद उनकी तबियत ख़राब होना शुरू होगई। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। निरंजन सिंह ने जहर खाने से पहले एक नोट भी लिखा है और जिसकी पुष्टि पुलिस ने की है।कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं। #FarmersProtest pic.twitter.com/larwqByvyf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2020
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परिजनों ने बतया कि निरंजन सिंह को प्रदर्शन कर रहे किसानों का कष्ट बर्दाश्त नहीं हुआ। वह काफी दिनों से इस आंदोलन में शामिल हैं और सरकार द्वारा किसानों की अनदेखी के चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया। वहीं पुलिस का कहना है कि निरंजन सिंह फ़िलहाल खतरे से बहार हैं और उनका इलाज जारी है। पिछले हफ्ते बाबा संत राम सिंह ने भी आत्महत्या की थी। किसानों के आंदोलन पर सरकार के रवैये से नाराज़गी के चलते उन्होंने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। किसानों के आंदोलन अब तक कम से कम 22 किसानों की जान भी जा चुकी है। मंगलवार सुबह गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा।
महाराष्ट्र के विभिन्न संगठन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये, मुंबई में अंबानी कॉरपोरेट हाउस के बाहर मार्च करने का एलान। किसान संगठन बांद्रा(ई) कलेक्टर ऑफिस पर इकट्ठे होंगे और फिर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित अम्बानी कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स तक मार्च करेंगे। वहीं पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमानी शेतकरी संघटना के अलावा प्रहार संघटना, फार्मर्स एंड पीजेन्ट पार्टी और लोक संघर्ष मोर्चा भी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे।हमें कृषि मंत्री से अभी तक बैठक का कोई निमंत्रण नहीं मिला है। किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा: गाज़ीपुर बॉर्डर से राकेश टिकैत, प्रवक्ता, भारतीय किसान यूनियन pic.twitter.com/4mqiTmkkoZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2020
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