महामारी में सेल्फ एंप्लॉयड का सुसाइड रेट 10 फीसदी बढ़ा, सरकारी बैंकों का NPA 15 फीसदी से ज़्यादा

कोरोना महामारी का उद्योग-धंधों पर क्या असर पड़ा यह किसी से छुपा नहीं है। महामारी को क़ाबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सैकड़ों उद्योग-धंधे बंद हो गए और हज़ारों लोगों ने आत्महत्या कर ली। सरकार की कथित कोशिशों के बावजूद महामारी के दौरान उद्योग बंद हो जाने से 11,716 सेल्फ एंप्लॉयड लोगों ने आत्महत्या की।
हालांकि केन्द्र सरकार का दावा है कि इससे निपटने के लिए कई क़दम उठाए गए और लाखों करोड़ रूपये के स्कीम की शुरुआत की गई। इनके अलावा केन्द्र ने 20 लाख करोड़ रूपये के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया था और एमएसएमई के लिए अलग से फंड भी आवंटित किए गए थे।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केन्द्र सरकार ने बताया कि जहां महामारी से पहले साल 2019 में एमएसएमई से जुड़े 9,052 सेल्फ एंप्लॉयड ने आत्महत्या की थी, वो महामारी में केन्द्र की कथित कोशिशों के बावजूद दस फीसदी बढ़ गई।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केन्द्र सरकार ने बताया कि जहां महामारी से पहले साल 2019 में एमएसएमई से जुड़े 9,052 सेल्फ एंप्लॉयड ने आत्महत्या की थी, वो महामारी में केन्द्र की कथित कोशिशों के बावजूद दस फीसदी बढ़ गई।
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