गुजरात में चीनी कंपनियों के निवेश का मज़बूत मॉडल

गलवान वैली में चीनी सेना के साथ झड़प में 20 सैनिकों की मौत के बाद देशभर में उबाल है और चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग ज़ोर पकड़ रही है. मगर चीनी कंपनियों ने भारतीय बाज़ार में अपनी ज़बरदस्त पैठ बना रखी है और पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में ऊर्जा, स्टील और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारी निवेश कर रखा है. दिलचस्प यह है कि इन चीनी कंपनियों की राह खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने आसान की थी.
दुनियाभर में निवेश पर शोध करने वाली ब्रुकिंग्स इंडिया की मार्च की रिपोर्ट बताती है कि चीनी कंपनी टेबियन इलेक्ट्रिक एपरेटस देश में उर्जा से जुड़े भारी उपकरण बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है. साल 2014 में जब चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग भारत दौरे पर आये थे, तब इस कंपनी ने गुजरात में इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की घोषणा की थी. गुजरात में इस कंपनी ने ट्रांसफार्मर बनाने का प्लांट लगाया जिसमे 400 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया और अबतक 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया भी जा चुका है.
चीन की ज़िंगज़िंग कंपनी की स्थापान चीनी सेना पीएलए ने की थी. कई साल चीनी सेना इस कंपनी को चलाती रही और बाद में चीनी सेना में हुए सुधारों के तहत इस कंपनी को सेना से अलग कर दिया गया. अब यह कंपनी भारत के स्टील प्लांटों में ज़बरदस्त तरीके से निवेश कर रही है. एक और चीनी कंपनी शिंगशान होल्डिंग समूह ने भी भारत में जॉइंट वेंचर के तहत गुजरात के ढोलेरा इंडस्ट्रीयल एरिया में एक स्टील प्लांट में 1 अरब डॉलर का निवेश किया है. इस कंपनी का लक्ष्य है कि आगे चलकर स्टील प्लांटों में 2 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया जाये. इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी चीनी कंपनियों ने गुजरात में जमकर निवेश किया है. साल 2019 में शंघाई की ऑटोमोबाइल कंपनी एसएआईसी मोटर कॉरपोरेशन भारत पहुंची. तब कंपनी ने ऐलान किया था कि उसका ब्रांड एमजी मोटर्स भारतीयों ग्राहकों की ज़रूरतों और सहूलियतों के मुताबिक गाड़ियों का उत्पादन करेगा. इसके लिए कंपनी ने गुजरात के हलोल में जनरल मोटर्स के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 2000 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया. इसके अलावा यह चीनी कंपनी भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में 350 मिलियन डॉलर के और निवेश की तैयारी कर रही है. इन चीनी कंपनियों को गुजरात में निवेश के लिए पीएम मोदी ने बड़ी मेहनत की है. अब चीनी कंपनियों और उनके सामानों के बहिष्कार के दौर में उनके पुराने ट्वीट्स वायरल हो रहे हैं.
चीन की ज़िंगज़िंग कंपनी की स्थापान चीनी सेना पीएलए ने की थी. कई साल चीनी सेना इस कंपनी को चलाती रही और बाद में चीनी सेना में हुए सुधारों के तहत इस कंपनी को सेना से अलग कर दिया गया. अब यह कंपनी भारत के स्टील प्लांटों में ज़बरदस्त तरीके से निवेश कर रही है. एक और चीनी कंपनी शिंगशान होल्डिंग समूह ने भी भारत में जॉइंट वेंचर के तहत गुजरात के ढोलेरा इंडस्ट्रीयल एरिया में एक स्टील प्लांट में 1 अरब डॉलर का निवेश किया है. इस कंपनी का लक्ष्य है कि आगे चलकर स्टील प्लांटों में 2 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया जाये. इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी चीनी कंपनियों ने गुजरात में जमकर निवेश किया है. साल 2019 में शंघाई की ऑटोमोबाइल कंपनी एसएआईसी मोटर कॉरपोरेशन भारत पहुंची. तब कंपनी ने ऐलान किया था कि उसका ब्रांड एमजी मोटर्स भारतीयों ग्राहकों की ज़रूरतों और सहूलियतों के मुताबिक गाड़ियों का उत्पादन करेगा. इसके लिए कंपनी ने गुजरात के हलोल में जनरल मोटर्स के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 2000 करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया. इसके अलावा यह चीनी कंपनी भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में 350 मिलियन डॉलर के और निवेश की तैयारी कर रही है. इन चीनी कंपनियों को गुजरात में निवेश के लिए पीएम मोदी ने बड़ी मेहनत की है. अब चीनी कंपनियों और उनके सामानों के बहिष्कार के दौर में उनके पुराने ट्वीट्स वायरल हो रहे हैं.
ताज़ा वीडियो