प्याज़ के एक्सपोर्ट पर फिर प्रतिबंध, पिछले तीन साल से निर्यात में भारी गिरावट

by M. Nuruddin 2 years ago Views 1697

Onion farming was destroyed due to rain and floods
देश में प्याज़ की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा दी है। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि घरोलू बाज़ार में प्याज़ की कीमतें बढ़ रही है और इसकी कमी देखने को मिल रही है। इसी को देखते हुए हर तरह के प्याज़ जिसमें कृष्णापुरम और बंगलुरू रोज प्याज़ भी शामिल है, पर पाबंदी लगाई गई है।

एपीईडीए या एग्रिकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी द्वारा जारी पिछले तीन साल के आंकड़े बताते हैं कि प्याज़ के निर्यात में कमी आ रही है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2017-18 में भारत ने दूसरे मुल्कों को 15 लाख 88 हज़ार 985 मेट्रिक टन प्याज़ का निर्यात किया था। जबकि यही आंकड़ा 2018-19 में बढ़कर 21 लाख 83 हज़ार 766 मेट्रिक टन हो गया। वहीं पिछले साल 2019-20 में यह गिरकर 11 लाख 49 हज़ार 896 मेट्रिक टन रह गया है। जानकार मानते हैं कि प्याज़ के निर्यात में लगातार आ रही गिरावट की मुख्य वजह, प्याज़ा की फसलों का बरबाद होना है।


ज़ाहिर है प्याज़ के निर्यात में कमी के साथ-साथ इससे देश को होने वाली कमाई भी घटी है। जहां भारत ने दूसरे मुल्कों को प्याज़ निर्यात कर 2017-18 में 479.32 मिलियन डॉलर की कमाई की वहीं यह आंकड़ा 2019-20 में गिरकर महज़ 324.20 मिलियन डॉलर रह गया। जबकि साल 2018-19 में प्याज़ का निर्यात बढ़ने के साथ-साथ इसकी कमाई करीब 500 मिलियन डॉलर आंकी गई थी।

भारत से बांग्लादेश, मलेशिया, यूएई और श्रीलंका जैसे मुल्कों को प्याज का सबसे ज़्यादा निर्यात किया जाता है। इससे पहले सितंबर 2019 में भी केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। तब मांग और आपूर्ति में अंतर होने की वजह से प्याज की कीमतें घरेलू बाज़ार में बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। तब बताया गया था कि बारिश की वजह से प्याज़ की खेती ख़राब हो गई और निर्यात पर रोक लगाना पड़ा।

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