पंजाब में किसानों ने रेल रोको आंदोलन शुरू किया, कई ट्रेनें रद्द हुईं

कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब से शुरू हुआ आंदोलन अब अपनी रफ़्तार पकड़ रहा है. राज्य में किसानों ने तीन दिनों का रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है और जगह-जगह रेल की पटरियों पर किसान बैठ गए हैं. इसकी शुरूआत किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने अमृतसर से की. रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों ने कहा कि उनका रेल रोको आंदोलन तीन दिनों तक जारी रहेगा.
इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया है कि कृषि विधेयकों से किसानों की ज़िंदगी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में किसान को अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता था और कोई दूसरी व्यवस्था नहीं थी लेकिन अब किसान मंडी के बाहर भी अपनी उपज बेच सकेगा और वह भी अपनी मर्जी के भाव पर. कृषि विधेयक में एमएसपी को शामिल नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एमएसपी कभी भी किसी कानून का हिस्सा नहीं रहा, यह पहले भी प्रशासनिक फैसला होता था और आज भी प्रशासनिक फैसला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कह रही है कि एमएसपी को कानूनी तौर पर मान्य किया जाए, लेकिन जब 50 साल तक कांग्रेस की सरकार थी तो उन्होंने ऐसा नहीं किया. किसानों के आंदोलन के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका गाँधी ने ट्वीट किया- भाजपा के कृषि बिल के पहले एमसीपी का मतलब किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य है और बिल पास हो जाने के बाद एमसीपी पूंजीपतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट हो जाएगा.
अमृतसर के अलावा फिरोजपुर, जलंधर, पठानकोट और पटियाला समेत कई जिलों में किसान रेलवे ट्रैक पर जम गए हैं जिसकी वजह से सिर्फ कम से कम 14 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और कई ट्रेनों के रूट बदले गए हैं. वहीं पंजाब सरकार ने सभी विभागों को 24 से 26 सितंबर तक रेल रोको आंदोलन और पंजाब बंद के दौरान अलर्ट रहने को कहा है. सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने धरना स्थलों के नज़दीक एंबुलेंस, डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की तैयारी की है. इसके अलावा दूसरे विभागों को भी एक्टिव किया गया है.#WATCH Punjab: Kisan Mazdoor Sangharsh Committee sits on railway tracks in Amritsar as they begin their 'rail roko' agitation today, in protest against the #FarmBills.
— ANI (@ANI) September 24, 2020
The Committee had announced that they'll hold a 'rail roko' agitation from Sept 24 to 26 against the Bills. pic.twitter.com/SwLBxzruIb
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इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया है कि कृषि विधेयकों से किसानों की ज़िंदगी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में किसान को अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता था और कोई दूसरी व्यवस्था नहीं थी लेकिन अब किसान मंडी के बाहर भी अपनी उपज बेच सकेगा और वह भी अपनी मर्जी के भाव पर. कृषि विधेयक में एमएसपी को शामिल नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एमएसपी कभी भी किसी कानून का हिस्सा नहीं रहा, यह पहले भी प्रशासनिक फैसला होता था और आज भी प्रशासनिक फैसला है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कह रही है कि एमएसपी को कानूनी तौर पर मान्य किया जाए, लेकिन जब 50 साल तक कांग्रेस की सरकार थी तो उन्होंने ऐसा नहीं किया. किसानों के आंदोलन के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका गाँधी ने ट्वीट किया- भाजपा के कृषि बिल के पहले एमसीपी का मतलब किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य है और बिल पास हो जाने के बाद एमसीपी पूंजीपतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट हो जाएगा.
भाजपा के कृषि बिल के पहले-
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 24, 2020
MSP = किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price)
बिल पास हो जाने के बाद-
MSP = पूंजीपतियों के लिए मैक्सिमम सपोर्ट इन प्रॉफिट (Maximum Support in Profit)
किसान कहां जाएगा? pic.twitter.com/EKWMzWIYRg
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