छह महीनों से नजरबंद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला पर लगा पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट

जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर गुरुवार को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया। यह दोनों ही अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंदी थे और इनकी छह महीने की हिरासत अवधि गुरुवार को खत्म हो रही थी। इनके आलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अली मोहम्मद सगर और महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी पर भी पीएसए के तहत केस दर्ज किया गया है।
अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नज़रबंद है। जिनकी छह महीने की हिरासत अवधि गुरुवार को खत्म हो रही थी लेकिन उससे पहले ही सरकार ने इनदोनो नेताओं पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया।
वहीं अब पीएसए लागू होने के साथ ही दोनों नेताओं को बिना ट्रायल के तीन महीने की जेल भी हो सकती है। पीएसए लगने के बाद पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया है। ट्वीट में कहा कि इस तानाशाही सरकार से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पीएसए जैसा कठोर कानून लगाने की उम्मीद कर सकते हैं, जिसने 9 साल के बच्चे पर भी देशद्रोही टिप्पणी के लिए केस किया हो। देश के मूल्यों को अपमान किया जा रहा है, ऐसे में हम कब तक दर्शक बने रहेंगे।
Jammu & Kashmir: National Conference leader Omar Abdullah & Peoples Democratic Party leader Mehbooba Mufti have been booked under Public Safety Act (PSA). pic.twitter.com/JQ18HXRRbs
— ANI (@ANI) February 6, 2020
Also Read:
वहीं अब पीएसए लागू होने के साथ ही दोनों नेताओं को बिना ट्रायल के तीन महीने की जेल भी हो सकती है। पीएसए लगने के बाद पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया गया है। ट्वीट में कहा कि इस तानाशाही सरकार से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पीएसए जैसा कठोर कानून लगाने की उम्मीद कर सकते हैं, जिसने 9 साल के बच्चे पर भी देशद्रोही टिप्पणी के लिए केस किया हो। देश के मूल्यों को अपमान किया जा रहा है, ऐसे में हम कब तक दर्शक बने रहेंगे।
बता दें कि फिलहाल महबूबा मुफ़्ती का ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी संभालती हैं। उमर अब्दुल्ला और मेहबूबा मुफ्ती के अलावा दो अन्य नेताओं पर भी पीएसए के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सगर और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी का नाम शामिल हैं। इनकी हिरासत अवधि भी गुरुवार को खत्म हो रही थी।Ms Mufti received a PSA order sometime back.Slapping the draconian PSA on 2 ex J&K CMs is expected from an autocratic regime that books 9 year olds for ‘seditious remarks’. Question is how much longer will we act as bystanders as they desecrate what this nation stands for?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 6, 2020
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर स्थित उनके घर में नजरबंद रखा गया है। 17 सितंबर को कश्मीर प्रशासन ने उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। 14 दिसंबर को उनकी नजरबंदी 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। वीडियो देखिये इससे पहले, बुधवार को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन और पीडीपी के वहीद पर्रा को रिहा कर दिया गया था।बीते छह महीनों ने नजरबंद नेताओं को रिहा करने की यह सातवीं घोषणा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि जम्मू-कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 389 लोग हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 444 लोगों को इस कानून के तहत हिरासत में लेने का आदेश जारी हुआ था। इनमें से 55 नेता रिहा किए जा चुके हैं।Jammu & Kashmir: National Conference’s General Secretary Ali Mohammad Sagar and senior PDP leader Sartaj Madni also detained under Public Safety Act (PSA). Both these leaders are under detention since 5th August. https://t.co/5ag1b10y3g
— ANI (@ANI) February 6, 2020
ताज़ा वीडियो