विवादित कृषि क़ानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास, कैप्टन अमरिंदर बोले - केंद्र जबरन ना थोपे फैसले

सीएम अमरिंदर सिंह द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव में इस बात को शामिल किया गया है कि अगर कोई किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP से नीचे फसल बेचने के लिए मजबूर करता है, तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही अगर किसी कंपनी या व्यक्ति द्वारा किसानों पर जमीन, फसल को लेकर दबाव बनाया जाता है तो भी जुर्माना और जेल का प्रावधान लाया गया है.Punjab CM Captain Amarinder Singh, Aam Aadmi Party MLA Harpal Singh Cheema and Shiromani Akali Dal leader Sharan Jit Singh Dhillon hand over to Governor VP Singh Badnore the resolution against #FarmLaws passed in the state assembly https://t.co/Il6jkX0M5m pic.twitter.com/PQABZ4zlnb
— ANI (@ANI) October 20, 2020
[Live] From Vidhan Sabha for an important Session to protect the farmers of Punjab from Anti-Farmer laws of the Central Government.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 20, 2020
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इस प्रस्ताव में हाल में ही केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों की आलोचना की गई है. मुख्यमंत्री ने जो बिल पेश किया उसमें किसानों को उत्पादन सुविधा अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, और किसानों के समझौते और कृषि सेवा अधिनियम में संशोधन शामिल है. हालाँकि, विधानसभा में आम आदमी पार्टी और अकाली दल इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. अकाली दल कैप्टन अमरिंदर पर केंद्र के साथ फ़िक्स्ड मैच खेलने का आरोप लगा रहा है. अकाली दल ने विरोध के तौर पर जमीन पर बैठकर भोजन किया. वहीं आम आदमी पार्टी ने कहा कि उसके विधायकों को बिल का ड्राफ्ट तक नहीं दिखाया गया. आप पार्टी ने कहा वो इस बिल का समर्थन करना चाहते हैं लेकिन उनके विधायकों को पता ही नहीं है कि बिल में क्या है. इसी मुद्दे को लेकर आप विधायकों ने सोमवार की बीती रात विधानसभा भवन में ही गुजारी और धरना भी दिया. आप विधायक कैप्टन सरकार पर किसान क़ानून के विरोध में विधानसभा के सत्र को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगा रहे है.
पंजाब सीएम ने इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों के तंज कसा और कहा कि कुछ लोग विधानसभा में रात गुजार रहे हैं, कोई ट्रैक्टर पर आ रहा है. इन सब से कोई फायदा नहीं है जबतक केंद्र के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई ना लड़ी जाये. सीएम ने ऐलान किया कि अब इस बिल के आधार पर राज्य सरकार आगे की कानूनी लड़ाई लड़ेगी. प्रस्ताव में इस बात को शामिल किया गया है कि संविधान के अनुसार कृषि का मसला राज्य सरकार के हाथ में है, लेकिन इसपर केंद्र ने खुद ही निर्णय ले लिया जो कि नियमों का उल्लंघन है.In Punjab, details of the proposed Bills/agenda is not being shared with the elected representatives of opposition, forcing @AAPPunjab MLAs to sit on an overnight #dharna protest inside vidhansabha. This denial of right is murder of democracy by the @capt_amarinder ' s govt. pic.twitter.com/vspBs1HrPt
— Harchand Singh Barsat (@HarchandSBarsat) October 20, 2020
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