प्रसार भारती ने फ्रीक्वेंसी बैंड 526MHz-582MHz की नीलामी पर आपत्ति जताई

प्रसार भारती ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण या टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (TRAI) को बताया है कि दूरदर्शन द्वारा टेरिस्टेरियल टेलीविजन ब्रोडकास्टिंग के लिए विशेष बैंड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, नेशनल ब्रोडकास्टर प्रसार भारती ने 5G मोबाइल सेवाएं प्रदान करने के लिए फ्रीक्वेंसी बैंड 526MHz-582MHz की नीलामी पर आपत्ति जताई है।
प्रसार भारती का कहना है कि टेलिकॉम सर्विसेज़ के लिए 3300 मेगाहर्ट्ज से 3700 मेगाहर्ट्ज के आवंटन से रिपोर्ट के मुताबिक़, टेरिस्टेरियल ब्रोडकास्टिंग सर्विसेज़ और सी-बैंड सेटेलाइट स्पेक्ट्रम के बीच "गार्ड बैंड" 80 मेगाहर्ट्ज से घटकर 10 मेगाहर्ट्ज हो जाएगा। इनके अलावा, प्रसार भारती ने ज़ोर देकर कहा कि आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में 526-617 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी नहीं की जानी चाहिए। इसके पीछे प्रसार भारती का तर्क है कि इस बैंड में एयरवेव मौजूदा सेवाओं के लिए, कवरेज के विस्तार के लिए और सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए ज़रूरी हैं। ब्रोडकास्टर नई तकनीकों की टेस्टिंग कर रहा जिसकी वजह से इसने अपने लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम की ज़रूरतों को रेखांकित किया। नेशनल ब्रोडकास्टर ने डायरेक्ट टू मोबाइल ब्रॉडकास्टिंग और 5जी कन्वरजेंस जैसी नई तकनीकों में सहयोग के लिए आईआईटी-कानपुर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच, सरकार 5जी सेवाओं के लिए 526-698 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3670 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड जैसे कई बैंड में एयरवेव की नीलामी करने के लिए तैयार है।
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प्रसार भारती का कहना है कि टेलिकॉम सर्विसेज़ के लिए 3300 मेगाहर्ट्ज से 3700 मेगाहर्ट्ज के आवंटन से रिपोर्ट के मुताबिक़, टेरिस्टेरियल ब्रोडकास्टिंग सर्विसेज़ और सी-बैंड सेटेलाइट स्पेक्ट्रम के बीच "गार्ड बैंड" 80 मेगाहर्ट्ज से घटकर 10 मेगाहर्ट्ज हो जाएगा। इनके अलावा, प्रसार भारती ने ज़ोर देकर कहा कि आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में 526-617 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी नहीं की जानी चाहिए। इसके पीछे प्रसार भारती का तर्क है कि इस बैंड में एयरवेव मौजूदा सेवाओं के लिए, कवरेज के विस्तार के लिए और सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए ज़रूरी हैं। ब्रोडकास्टर नई तकनीकों की टेस्टिंग कर रहा जिसकी वजह से इसने अपने लिए पर्याप्त स्पेक्ट्रम की ज़रूरतों को रेखांकित किया। नेशनल ब्रोडकास्टर ने डायरेक्ट टू मोबाइल ब्रॉडकास्टिंग और 5जी कन्वरजेंस जैसी नई तकनीकों में सहयोग के लिए आईआईटी-कानपुर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच, सरकार 5जी सेवाओं के लिए 526-698 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3670 मेगाहर्ट्ज और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड जैसे कई बैंड में एयरवेव की नीलामी करने के लिए तैयार है।
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