OIC Pak Summit: चीनी विदेश मंत्री भी लेंगे हिस्सा; हुर्रियत को निमंत्रण पर भारत की नाराज़गी !

by M. Nuruddin 1 year ago Views 9382

तीन महीने में ऐसा दूसरी बार है जब पाकिस्तान OIC सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है...

OIC Summit, Pak: Chinese Foreign Minister will als
जियोपॉलिटिकल संकट के बीच पाकिस्तान के इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोगी संगठन या OIC की 22-23 मार्च को मीटिंग होने जा रही है। तीन महीने में ऐसा दूसरी बार है जब पाकिस्तान OIC सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है।

57 इस्लामिक देशों या मुस्लिम बहुल देशों के ओआईसी के कम से कम 48 विदेश मंत्रियों ने अब तक सम्मेलन में हिस्सा लेने की पुष्टि की है। सम्मेलन में कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें अफगानिस्तान में विकास और जम्मू-कश्मीर की स्थिति शामिल है, जिसे कश्मीर पर ओआईसी के संपर्क समूह द्वारा उठाया जाएगा।


इस सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल होने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं। दो दिनों तक होने वाले विदेश मंत्रियों के इस सम्मेलान में चीनी विदेश मंत्री को ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में आमंत्रित किया गया है।

जबकि चीन उन 57 देशों में नहीं हैं जो OIC के स्थायी सदस्य हैं। चीनी विदेश मंत्री 22-23 मार्च को आयोजित होने वाले सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में अपना संबोधन देंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ट्वीट कर कहा है, "मैं इस्लामाबाद में #48OICCFM में OIC सदस्य राज्यों, पर्यवेक्षकों, भागीदारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्रियों और प्रतिनिधिमंडलों का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। 'एकता, न्याय और विकास' के व्यापक विषय के तहत, ओआईसी-सीएफएम में व्यापक विचार-विमर्श होगा। आपकी उपस्थिति से पाकिस्तान के लोग सम्मानित महसूस कर रहे हैं।"

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ दिसंबर 2021 में, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान संकट पर ओआईसी के एक असाधारण सत्र की मेज़बानी की थी।

कहा जा रहा है कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ओआईसी सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा पाकिस्तान दिवस परेड में भी हिस्सा लेंगे जहां वो पाकिस्तान वायु सेना में हाल ही में शामिल किए गए चीनी फाइटर जेट J-10C के प्रदर्शन का भी निरीक्षण करेंगे। पाकिस्तान पहला ऐसा देश है जिसे चीन ने अपना श्रेष्ठ फाइटर जेट J-10C बेचा है।

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब ओआईसी ने किसी ग़ैर-सदस्यीय देश के विदेश मंत्री को ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में आमंत्रित किया है।

ओआईसी ने युनाइटेड अरब अमिरात में आयोजित मार्च 2019 की मीटिंग में भारतीय तत्कालीन विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज को भी ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में आमंत्रित किया था।

ओआईसी सम्मेलन में इसबार भारत के किसी अधिकारी को आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज़ ओमर फारुक़ को सम्मेलन में आंत्रित किया गया है।

भारत ने ओआईसी के इस क़दम का विरोध भी किया है और कहा है कि, “ऐसी कार्रवाइयां बहुत गंभीर है जो सीधे तौर पर भारत की एकता को नष्ट करने और हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने के उद्देश्य से हैं।”

विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम ओआईसी से आतंकवाद और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को प्रोत्साहित करने की उम्मीद नहीं करते हैं।"

पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डाउन के मुताबिक़ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने हुर्रियत के नेता को आमंत्रित किए जाने पर भारत के विरोध का विरोध किया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा और दावा किया, “उत्पीड़ित कश्मीरी लोगों की गरिमा और स्वतंत्रता के लिए ओआईसी के सैद्धांतिक रुख पर सवाल उठाने के बजाय, भारत को अपने दमन को समाप्त करना चाहिए और भारतीय अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय क़ानून के व्यापक उल्लंघन को समाप्त करना चाहिए।”

हालाँकि भारत के वर्तमान में OIC के भीतर कई प्रमुख सदस्यों के साथ अच्छे संबंध हैं, जैसे कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और बांग्लादेश, लेकिन इसने कश्मीर मुद्दे या देश के मुस्लिम अल्पसंख्यक से संबंधित मामलों को 57 सदस्यीय समूह में उठाने के किसी भी प्रयास पर पारंपरिक रूप से ज़ोर दिया है।

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