अब रसोई गैस के दाम में हुई और बढ़ोत्तरी, दिसंबर से 225 रूपये महंगा हुए एलपीजी सिलिंडर

सरकारी तेल कंपनियन लगातार गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं। एक बार फ़िर से 14.2 किलोग्राम के बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम में 25 रुपए तक का इज़ाफ़ा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी के दाम बढ़े हैं और यही कारण बताया जा रहा है जिससे पिछले चार दिनों में रसोई गैस सिलेंडर के दाम दूसरी बार बढ़ाए गए हैं। मार्च महीने के शुरू होने के साथ ही जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ी है।
दिल्ली में बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर अब 25 रुपए महंगा होकर 819 रुपए का हो गया है, पहले ये 794 रुपए था। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि 2021 में ही रसोई गैस सिलेंडर 125 रुपए महंगा हुआ है। 1 जनवरी को इसकी कीमत 694 रुपए थी जो अब बढ़कर 819 रुपए हो गई है।
सिर्फ़ और सिर्फ़ फरवरी में ही घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम तीन बार बढ़े हैं। सरकार ने 4 फरवरी को एलपीजी के दाम में 25 रुपए का इज़ाफा किया था। उसके बाद 15 फरवरी को 50 रुपए और 25 फरवरी को 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। अगर वक़्त को थोड़ा और पीछे ले जाएँ तो पता लगता है कि 1 दिसम्बर को घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 594 रुपए से बढ़कर 644 रुपए हुए थे। उसके बाद 1 जनवरी को फ़िर से 50 रुपए बढ़ाए गए, जिसके बाद 644 रुपए वाला सिलेंडर 694 रुपए हो गया। फ़िर 4 फरवरी को की गई बढ़ोत्तरी के बाद इसकी कीमत 694 रुपए से बढ़कर 719 रुपए हो गई है। 15 फरवरी को 719 रुपए से 769 रुपए हुई और 25 फरवरी को 25 रुपए दाम बढ़ने से इसकी कीमत 769 रुपए से 794 रुपए पर आ गई थी। और अब लगातार बढ़ोतरी के बाद इसकी कीमत 819 रुपए पर पहुंच गई है। वहीं आपको बता दें कि सरकार एक साल में प्रत्येक गैस कनेक्शन के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है। ग्राहक को हर सिलेंडर पर सब्सिडी समेत कीमत चुकानी होती है। बाद में सब्सिडी का पैसा खाते में वापस आ जाता है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलेंडर लेना चाहते हैं तो उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदना होता है। तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। इनमें बढ़ोतरी या कमी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत और अमेरिकी डॉलर के एक्सचेंज रेट पर निर्भर करती है। वैसे आपको यह भी बता दें कि महँगाई की गाज सिर्फ़ घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर नहीं पढ़ी है, बल्कि कमर्शियल गैस सिलेंडर पर भी पढ़ी है।19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर 90.50 रुपए महंगा हुआ है। अब दिल्ली में इस सिलेंडर की कीमत 1614 रुपए हो गई है। उसी तरह मुंबई का रेट अब 1563.50 रुपए प्रति सिलिंडर हो गया है। कोरोना महामारी से दो चार होते हुए देश की जनता को इस वक्त महंगाई की दोहरी मार भी झेलनी पड़ रही है। एक तरफ़ पेट्रोल और डीज़ल के दामों में आई बढ़ोतरी ने जनता का बुरा हाल कर दिया है तो अब रसोई गैस के दामों में आए इज़ाफ़े ने भी लोगों की परेशानी को बढ़ा गिया है।
सिर्फ़ और सिर्फ़ फरवरी में ही घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम तीन बार बढ़े हैं। सरकार ने 4 फरवरी को एलपीजी के दाम में 25 रुपए का इज़ाफा किया था। उसके बाद 15 फरवरी को 50 रुपए और 25 फरवरी को 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई थी। अगर वक़्त को थोड़ा और पीछे ले जाएँ तो पता लगता है कि 1 दिसम्बर को घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 594 रुपए से बढ़कर 644 रुपए हुए थे। उसके बाद 1 जनवरी को फ़िर से 50 रुपए बढ़ाए गए, जिसके बाद 644 रुपए वाला सिलेंडर 694 रुपए हो गया। फ़िर 4 फरवरी को की गई बढ़ोत्तरी के बाद इसकी कीमत 694 रुपए से बढ़कर 719 रुपए हो गई है। 15 फरवरी को 719 रुपए से 769 रुपए हुई और 25 फरवरी को 25 रुपए दाम बढ़ने से इसकी कीमत 769 रुपए से 794 रुपए पर आ गई थी। और अब लगातार बढ़ोतरी के बाद इसकी कीमत 819 रुपए पर पहुंच गई है। वहीं आपको बता दें कि सरकार एक साल में प्रत्येक गैस कनेक्शन के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है। ग्राहक को हर सिलेंडर पर सब्सिडी समेत कीमत चुकानी होती है। बाद में सब्सिडी का पैसा खाते में वापस आ जाता है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलेंडर लेना चाहते हैं तो उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदना होता है। तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करती हैं। इनमें बढ़ोतरी या कमी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत और अमेरिकी डॉलर के एक्सचेंज रेट पर निर्भर करती है। वैसे आपको यह भी बता दें कि महँगाई की गाज सिर्फ़ घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर नहीं पढ़ी है, बल्कि कमर्शियल गैस सिलेंडर पर भी पढ़ी है।19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर 90.50 रुपए महंगा हुआ है। अब दिल्ली में इस सिलेंडर की कीमत 1614 रुपए हो गई है। उसी तरह मुंबई का रेट अब 1563.50 रुपए प्रति सिलिंडर हो गया है। कोरोना महामारी से दो चार होते हुए देश की जनता को इस वक्त महंगाई की दोहरी मार भी झेलनी पड़ रही है। एक तरफ़ पेट्रोल और डीज़ल के दामों में आई बढ़ोतरी ने जनता का बुरा हाल कर दिया है तो अब रसोई गैस के दामों में आए इज़ाफ़े ने भी लोगों की परेशानी को बढ़ा गिया है।
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