अमेरिकी सेना के मददगारों की तालिबान को तलाश, नाटो अफ़गानिस्तान पर करेगा आपातकालीन बैठक

तालिबान के 15 अगस्त के दिन अफ़गानिस्तान पर कब्जा करने के बाद वहां के नागिरकों और अंतराष्ट्रीय समूहों के मन में लोगों के अधिकारों का दमन होने का डर है। इस डर को संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सच करता दिखा रही है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि तालिबान ने नाटो सेनाओं और अफ़ग़ान सरकार के साथ काम कर चुके लोगों की तलाश तेज़ कर दी है।
इसमें बताया गया है कि चरमपंथी एक-एक घर में जाकर तलाशी ले रहे हैं और परिवार वालों को धमका रहे हैं। तालिबान के इस तलाशी अभियान की रिपोर्ट आरएचआईपीटीओ नॉर्वेजियन सेंटर फ़ॉर ग्लोबल एनालिसिस ने तैयार की है। ये समूह संयुक्त राष्ट्र को ख़ुफ़िया जानकारी प्रदान करता है। इसके प्रमुख क्रिश्चियन नेलेमन ने बीबीसी को बताया, ''तालिबान बड़ी संख्या में लोगों को निशाना बना रहा है और उन पर मंडराता ख़तरा साफ़ दिख रहा है।''
दूसरी तरफ तालिबान पिछले समय से ही ऐसे आरोपों को खारिज करता रहा है। उसने ये भी कहा कि लड़ाकों को निजी घरों में जाने से रोका जा रहा है और साथ ही महिला पत्रकारों को उनके शासन में डरने की ज़रूरत नहीं है।
वीरवार को तालिबान ने अफ़गानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाए जाने का ऐलान किया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक ट्वीट में ये ऐलान किया। प्रवक्ता ने साथ ही उन रिपोर्ट को भी खारिज किया जिसमें देशों के साथ व्यापार न करने जैसी खबर दी गई थी। मुजाहिद से इसे महज ‘अफवाह’ बताया और साथ ही कहा कि वह सभी देशों के साथ बहतर राजनायिक और व्यापार संबंध चाहते हैं।
अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालातों से अंतराष्ट्रीय समुदाय की चिंता दिख रहा है। अफगानिस्तान मे मौजूदा स्थितियों को लेकर आज नाटो में आपातकाली बैठक की जाने वाली है। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग 30 देशों के सैन्य गठबंधन के विदेश मंत्रियों से आज होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमे अफ़गानिस्तान के हालातों पर चर्चा की जाएगी।
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