भारत में कोरोना से दस लाख से ज़्यादा मौतें, दि इकोनॉमिस्ट का दावा

भारत में अब तक कोरोना संक्रमण से लगभग 1 मिलियन यानि दस लाख लोग मारे गए हैं। महामारी की वजह से दुनियाभर में हुई मौतों को लेकर ब्रिटिश अख़बार द इकोनॉमिस्ट ने अपनी एक मॉडलिंग रिपोर्ट में यह दावा किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "मॉडल के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि भारत में अब तक लगभग 1 मिलियन लोग कोरोना से मारे जा चुके हैं।"
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, भारत में हर रोज़ 6,000 से 31,000 अतिरिक्त मौतें हो रही हैं। यह अनुमान प्रतिदिन आधिकारिक आंकड़ों से कहीं ज़्यादा है, जिसमें सिर्फ 4000 मौतें बताई जा रही है।
ग़ौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में ब्रिटेन कि ही मेडिकल जर्नल दि लैंसेट ने अपने एक लेख में कहा था कि भारत में संभावित रूप से 1 अगस्त तक कोविड की वजह से मौतों का आंकड़ा एक मिलियन तक पहुंच सकता है। लेख में वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान संगठन द इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन द्वारा किए गए अनुमानों का हवाला दिया गया था।
दि इकोनॉमिस्ट ने अपनी रिपोर्ट में उन देशों में ज़्यादा मौतों की जानकारी देने की कोशिश की है, जहां ये आंकड़े 'छुपाए' जा रहे हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, "अधिक मौतें इस आधार पर परिभाषित किया जाता है कि एक टाइम पीरियड में कितनी मौतें हुई और उस दौरान कितनी मौतों का अनुमान था।"
दि इकोनॉमिस्ट ने इसी बात को बताने की कोशिश की है। मसलन अनुमानों से पता चलता है कि 95 फीसदी संभावना है कि दुनियाभर में कोविड से मरने वालों की संख्या 7.1 मिलियन से 12.1 मिलियन के बीच है। रिपोर्ट के मुताबिक जबकि इस टाइम पीरियड में 10.2 मिलियन मौतों का अनुमान है।
121 इंडिकेटर्स के आधार पर 200 से ज्यादा देशों और क्षेत्रों से डेटा इकट्ठा की गई है, जिसके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई। आधिकारिक कोविड मामलों और देशों द्वारा बताई गई मौतों को ध्यान में रखने के अलावा, रिपोर्ट में इंडिकेटर्स या कोविड ट्रैकिंग साइट्स के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया गया है।
इनके अलावा, सीरो-सर्वे का भी इस्तेमाल आबादी के उस हिस्से का अनुमान लगाने के लिए किया गया है जिसमें एंटीबॉडी थे - इससे पिछले संक्रमणों के आंकड़ों के बारे में जानकारी मिली।
इनके अलावा दि इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट में महामारी नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों, मीडिया की स्वतंत्रता, भौगोलिक लोकेशन और सरकारी सिस्टम की खस्ता हालत का भी इस्तेमाल किया गया है।
इनके अलावा कुछ अन्य मॉडल का इस्तेमाल कर इन संबंधों का उपयोग अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए किया गया।
अनुमानों के मुताबिक़, इस बात की 95 फीसदी संभावना थी कि 10 मई तक एशिया में कोरोनावायरस महामारी की वजह से 2.4 मिलियन और 7.1 मिलियन अधिक मौतें हुईं। जबकि एशियाई देशों में कोविड से होने वाली मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 0.6 मिलियन है।
मॉडल से पता चलता है कि लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में 1.5 मिलियन-1.8 मिलियन अतिरिक्त मौतें देखी गईं, जबकि आधिकारिक आंकड़ा 0.6 मिलियन का है।
रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीका में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2.1 मिलियन से ज़्यादा है, जबकि आधिकारिक आंकड़ा 0.1 मिलियन का है। यूरोप में लगभग 1.5 मिलियन-1.6 मिलियन अतिरिक्त मौतों का अनुमान लगाया गया, जबकि आधिकारिक आंकड़ा 1 मिलियन है।
इन देशों में अनुमानित 0.6 मिलियन-0.7 मिलियन मौतों के करीब, अमेरिका और कनाडा ने कोविड के कारण 0.6 मिलियन लोगों की मृत्यु की जानकारी दी है। ओशिनिया में 1,218 आधिकारिक मौतों की सूचना मिली है लेकिन दि इकोनॉमिस्ट ने अपनी रिपोर्ट में यहां लगभग 12,000 से 13,000 मौतों की भविष्यवाणी की है।
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