चालू वित्त वर्ष में टैक्स वसूली के लक्ष्य से चूकेगी मोदी सरकार - पूर्व वित्त सचिव

पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था को लेकर देश में चिंता का माहौल बना हुआ है. अब पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने कहा है कि मोदी सरकार इस वित्त वर्ष में अपने टैक्स बटोरने के लक्ष्य से तकरीबन 2.25 लाख करोड़ पीछे रह जाएगी। पूर्व वित्त सचिव के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह देश में घटती खपत और कम होती आमदनी है।
सरकार में अहम पदों पर रहे अफ़सर अब मान रहे हैं कि देश की अर्थव्यस्था की हालत ठीक नहीं है। अब मोदी सरकार के पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 बेकार साबित होता दिख रहा है। गर्ग ने दावा किया है कि मोदी सरकार अपने टैक्स बटोरने के लक्ष्य से तकरीबन 2.25 लाख करोड़ पीछे रह जाएगी.
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सभी टैक्सों का लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रखा था जोकि वित्त वर्ष 2018-19 में बटोरे गए 13.37 लाख करोड़ से 3.13 लाख करोड़ ज्यादा है। आसान शब्दों में कहे तो पिछली बार से इस बार का लक्ष्य 23.4 फीसद ज्यादा था। मगर अब पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने एक ब्लॉग के ज़रिए कहा है कि आर्थिक मंदी और गिरती विकास दर के बीच मांग का सीधा असर टैक्स बटोरने के लक्ष्य पर पड़ रहा है। गर्ग के अनुमान के मुताबिक कॉर्पोरेट टैक्स, एक्साइज टैक्स और कस्टम्स के कलेक्शन का लक्ष्य नेगेटिव ग्रोथ की ओर जा रहा है। वीडियो देखिये चालू वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट टैक्स 6.64 लाख करोड़ से घटकर 6.1 लाख करोड़, एक्साइज ड्यूटीज़ 2.31 से घटकर 2.22 लाख करोड़ और कस्टम ड्यूटी 1.18 से घटकर 1.06 लाख करोड़ रहने का अनुमान है जोकि मार्च 31 को ख़त्म होगा। इसके अलावा पर्सनल इनकम टैक्स और जीएसटी में बेहद मामूली पॉजिटिव ग्रोथ रहने की उम्मीद है। पर्सनल इनकम टैक्स पिछले साल जमा हुए 4.62 लाख करोड़ से बढ़कर 5.23 लाख करोड़ और जीएसटी पिछले वर्ष के 5.84 लाख करोड़ से बढ़कर 6.15 लाख करोड़ रहने की उम्मीद है। गर्ग के मुताबिक मोटा मोटा 3.5 से लेकर 3.75 लाख करोड़ इस वित्त वर्ष कुल टैक्स कलेक्शन कम रहेगा। अब इनमें से लगभग 32 फीसदी राज्यों का हिस्सा निकल दें तो कह सकते हैं कि केंद्र सरकार तकबरीबन 2.5 लाख करोड़ अपने टैक्स कलेक्शन से पीछे रह जायेगी। एससी गर्ग के मुताबिक इससे सरकार का एक और लक्ष्य, चालू वित्त घाटा जीडीपी का 3.3 फीसद रखने का लक्ष्य भी अधूरा रहने की आशंका है.
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सभी टैक्सों का लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रखा था जोकि वित्त वर्ष 2018-19 में बटोरे गए 13.37 लाख करोड़ से 3.13 लाख करोड़ ज्यादा है। आसान शब्दों में कहे तो पिछली बार से इस बार का लक्ष्य 23.4 फीसद ज्यादा था। मगर अब पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने एक ब्लॉग के ज़रिए कहा है कि आर्थिक मंदी और गिरती विकास दर के बीच मांग का सीधा असर टैक्स बटोरने के लक्ष्य पर पड़ रहा है। गर्ग के अनुमान के मुताबिक कॉर्पोरेट टैक्स, एक्साइज टैक्स और कस्टम्स के कलेक्शन का लक्ष्य नेगेटिव ग्रोथ की ओर जा रहा है। वीडियो देखिये चालू वित्त वर्ष में कॉर्पोरेट टैक्स 6.64 लाख करोड़ से घटकर 6.1 लाख करोड़, एक्साइज ड्यूटीज़ 2.31 से घटकर 2.22 लाख करोड़ और कस्टम ड्यूटी 1.18 से घटकर 1.06 लाख करोड़ रहने का अनुमान है जोकि मार्च 31 को ख़त्म होगा। इसके अलावा पर्सनल इनकम टैक्स और जीएसटी में बेहद मामूली पॉजिटिव ग्रोथ रहने की उम्मीद है। पर्सनल इनकम टैक्स पिछले साल जमा हुए 4.62 लाख करोड़ से बढ़कर 5.23 लाख करोड़ और जीएसटी पिछले वर्ष के 5.84 लाख करोड़ से बढ़कर 6.15 लाख करोड़ रहने की उम्मीद है। गर्ग के मुताबिक मोटा मोटा 3.5 से लेकर 3.75 लाख करोड़ इस वित्त वर्ष कुल टैक्स कलेक्शन कम रहेगा। अब इनमें से लगभग 32 फीसदी राज्यों का हिस्सा निकल दें तो कह सकते हैं कि केंद्र सरकार तकबरीबन 2.5 लाख करोड़ अपने टैक्स कलेक्शन से पीछे रह जायेगी। एससी गर्ग के मुताबिक इससे सरकार का एक और लक्ष्य, चालू वित्त घाटा जीडीपी का 3.3 फीसद रखने का लक्ष्य भी अधूरा रहने की आशंका है.
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