कश्मीर में जवानों की शहादत का आंकड़ा घटा, आतंकी हमलो में ख़ास कमी नहीं : रिपोर्ट

by Rahul Gautam 2 years ago Views 2762

Martyrdom figures of soldiers reduced in Kashmir,
जम्मू कश्मीर से धारा 370 ख़त्म करने के पीछे मंशा थी घाटी से आतंकवाद समाप्त करना। हालांकि, ऐसा होता दिखाई नहीं पड़ रहा। उल्टा, पिछले कुछ समय से बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लगातार घाटी में निशाना बनाया जा रहा है जोकि बेहद चिंताजनक है ।

बुधवार को ही 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कुलगाम ज़िले में कर दी गई। जुलाई महीने में बांदीपोरा में आतंकियों ने भाजपा के एक स्थानीय अध्यक्ष, उनके पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। अगस्त महीने में एक ग्राम परिषद के प्रमुख और बीजेपी नेता को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। बता दे, इस साल अबतक लगभग 10 बीजेपी वर्करों की हत्या हो चुकी है।


आंकड़े बताते है की पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष नागरिकों और सुरक्षा बलों से जुड़े लोगो की मौत का आंकड़ा नीचे गया और आतंकवादियों की मौत का आंकड़ा भी ऊपर गया है। लेकिन आतंकी वारदातों में कोई ख़ास कमी नहीं है ।

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 28 अक्टूबर तक जम्मू कश्मीर में 26 नागरिकों की आतंकी घटनाओं में मौत हो चुकी है। पिछले साल यही आंकड़ा 42 था। बात करे सुरक्षा बलों से जुड़े लोगो की तो इस साल अबतक 49 जवान अलग अलग आतंकी हमलो में शहीद हो चुके है।

पिछले पुरे साल यही आंकड़ा 78 था। ज़ाहिर है, ये आंकड़े काफी सकारात्मक तस्वीर पेश करते है और मालूम पड़ता है की कश्मीर में अमन चैन लौट रहा है।

अगर बात करे आतंकवादियों/घुसपैठियो और कट्टरपंथियों की तो मालूम पड़ता है पिछले पुरे साल में 163 आतंकी ढेर हुए और इस वर्ष 28 अक्टूबर तक ही 206 आतंकी ढेर हो चुके है। इसके अलावा पुरे 2019 में जहा 135 आतंकी घटनाएँ हुई थी, वही इस अक्टूबर महीने तक ही 123 आतंकी हमले हो चुके है। इन आंकड़ों से साफ़ से पिछले साल के मुकाबले इस साल आतंकी वारदातों में कोई ख़ास कमी देखने को मिली है।

ज़ाहिर है इन आंकड़ों से की सरकार को चाहिए की वो कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को उचित सुरक्षा प्रधान करे और घाटी में अमन बहाली के अपने प्रयासों में और तेज़ी लाये।

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