महराष्ट्र में महा जंग: अनिल देशमुख ED की हिरासत में; डिप्टी CM अजीत पवार पर गिरी आयकर विभाग की गाज

by Sarfaroshi 1 year ago Views 3013

Political Development in Mahrarashtra

महाराष्ट्र सरकार और केन्द्र सरकार के बीच मानो सीधी लड़ाई शुरु हो गई है। केन्द्रीय एजेंसियों का महाराष्ट्र के नेता और महा विकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों पर कार्रवाई जारी है। इस कड़ी में महाराष्ट्र सरकार में गृह विभाग के मंत्री रहे अनिल देशमुख की गिरफ़्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार की एक हज़ार करोड़ की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया है।

उधर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाने शुरु कर दिए हैं। इससे पहले उन्होंने एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े पर वसूली के आरोप लगाए थे और आए दिन वो ट्विटर पर नए खुलासे कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे भी खबरों में आ गए हैं। केन्द्रीय एजेंसी ईडी ने बैंक से लोन के एक मामले में उनकी बेटी को अगले हफ्ते समन भेज सकती है। माना जा रहा है कि यह केन्द्रीय एजेंसियों की यह कार्रवाई महाराष्ट्र और केन्द्र के बीच एक सियासी संग्राम की शुरुआत है।

अजीत पवार की 1000 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने के आदेश

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजीत पवार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग ने गोआ, दिल्ली और महराष्ट्र में उनकी 1000 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। पवार की ज़ब्त की गई संपत्तियों में जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री, एक फ्लैट, एक रिसॉर्ट, उनके बेटे पार्थ पवार का ऑफिस और 24 जमीन शामिल हैं। इतना ही नहीं आयकर विभाग पिछले एक महीने से पवार की बहनों और बेटे के खिलाफ छापेमारी कर रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह छापेमारी टैक्स चोरी को लेकर की जा रही है। इसके अलावा आयकर विभाग ने सीएम उद्धव ठाकरे के पूर्व मुख्य सचिव अजय मेहता के नरीमन पॉइंट अपार्टमेंट को भी अस्थायी रूप से बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 के निषेध के तहत अटैच किया है।

अनिल देशमुख की गिरफ्तारी

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ईडी ने कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुंबई के होटल और बार से वसूली का आरोप लगाया था। ईडी ने कई बार देशमुख को मडी लॉन्ड्रिंग के लिए उनका बयान दर्ज करने के लिए कई महीनों से समन दे रही थी।

एजेंसी के कई समन नज़रअंदाज़ करने के बाद देशमुख सोमवार को पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर में पेश हुए थे। एजेंसी और देशमुख के बीच 12 घंटों तक सवाल- जवाब  के सिलसिले के बाद पूर्व गृह मंत्री के जवाबों से अंसतुष्ट ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। अब उनकी अदालत में पेशी होगी। 

नवाब मलिक और समीर वानखेड़े के बीच बयानबाज़ी

महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक और एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के बीच आपसी बयानबाज़ी का सिलसिला जारी है। वानखेड़े ने मंगलवार को नवाब मलिक के कथित व्हाट्सऐप चैट साझा करने पर कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं। दरअसल नवाब मलिक ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ व्हाट्सएप चैट्स साझा की थी।

मलिक का दावा किया था यह चैट समीर वानखेड़े की बहन यासमीन जो कि पेशे से वकील हैं और एक ड्रग तस्कर की है। इस पर वानखेड़े ने कहा कि ड्रग पेडलेर के जरिए उनके परिवार को फंसाने की कोशिश की जा रही है। इतना ही नहीं मलिक ने एनसीबी अधिकारी पर फोन टैपिंग से लेकर दस्तावेज़ों में फर्जीवाड़ा करने जैसे आरोप लगाए हैं।   

नवाब मलिक और देवेंद्र फडणवीस के बीच सियासी जंग 

नवाब मलिक ने एक ओर समीर वानखेड़े तो दूसरी ओर पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडण्वीस पर भी आरोपों की बौछार कर दी है। हाल ही में फडण्वीस ने कहा था कि वह जल्द ही मलिक के अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्तों का पर्दाफाश करेंगे। इसके जवाब में नवाब मलिक ने कहा कि नवाब मलिक को इंतज़ार नहीं करना चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि देवेंद्र फडण्वीस के जोयदीप राना नाम के एक ड्रग तस्कर से संबंध हैं। मलिक ने पूर्व सीएम की पत्नी की कथित ड्रग पेडलर के साथ तस्वीर भी साझा की है। 

एकनाथ खडसे भी चर्चा में     

एनसीपी नेता और पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे की पत्नी मंदाकिनी खडसे को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो हफ्तों पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें अंतरिम अग्रिम ज़मानत दी थी लेकिन अब ईडी अब उनकी बेटी रोहिणी खडसे के खिलाफ शिकंजा कस सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय 50 करोड़ के बैंक घोटाले मामले में उन्हें समन भेज सकती है। ईडी महाराष्ट्र के एक कोऑपरेटिव बैंक से कथित धन की हेराफेरी मामले में जांच कर रही है।

इससे पहले खडसे की पत्नी को 2016 के पुणे डील मामले में राहत दी है। इस मामले में खुद एकनाथ भी अभियुक्त हैं। खडसे पर आरोप हैं कि उन्होंने  2016 में महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री रहते पुणे में 3.75 करोड़ में एक ज़मान खरीदी थी जबकि इसकी असली कीमत 31.01 करोड़ थी।

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