मध्य प्रदेश पेट्रोल पर कर वसूलने में सबसे आगे, किस राज्य में कितना शुल्क?

by GoNews Desk 2 years ago Views 2576

देश में मध्य प्रदेश पेट्रोल पर तो राजस्थान डीजल पर टैक्स वसूलने में सबसे आगे है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के लोकसभा में दिए एक जवाब के मुताबिक मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 31.55 रूपये सेल्स टैक्स या वैट लिया जाता है जबकि राजस्थान में डीजल पर सबसे अधिक 21.82 रूपये प्रति लीटर कर के रूप में लिए जाते हैं। वहीं अंडमान निकोबार द्वीप समूह में ईंधन तेलों पर सबसे कम टैक्स वसूला जाता है। वहां पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 4.82 और 4.74 रूपये प्रति लीटर सेल्स टैक्स लिया जाता है।

राजस्थान में पेट्रोल पर प्रति लीटर 29.88 रूपये और महाराष्ट्र में 29.55 रूपये टैक्स लिया जाता है। मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में डीजल पर क्रमशः 21.68, 20.93, 21.78 और 20.85 रूपये वैट लिया जाता है।

बता दें कि पेट्रोल और डीजल की प्रति लीटर कीमत का क्रमशः 55 और 50 फीसदी हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारें शुल्क के रूप में लेती हैं। केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 32.90 और 31.80 रूपये निश्चित कर वसूलती है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की रिटेल कीमत 101.54 रूपये है। इसमें से केंद्र 32.90 रूपये एक्साइज ड्यूटी और 23.43 रूपये राज्य सरकारें वैट के रूप में लेती हैं।

इस तरह डीजल की 89.87 रूपये प्रति लीटर कीमत पर केंद्र और राज्य क्रमशः 31.80 और 13.14 रूपये टैक्स लेते हैं। महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 29.55 और डीजल पर 20.85 रूपये वैट ले रही है जबकि पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर 23.31 और 15.85 रूपये प्रति लीटर कर लिया जा रहा है। 

वैसे करों में लाभ की बात करें तो आंध्र प्रदेश को सबसे अधिक फायदा हुआ है। राज्य ने पिछले साल प्रति लीटर पेट्रोल पर 7.59 रूपये और डीजल पर 5.48 रूपये का लाभ कमाया। इसके बाद तेलंगाना और मध्य प्रदेश ने पेट्रोल पर क्रमशः 5.77 रूपये और 5.65 रूपये जबकि डीजल पर 4.08 रूपये और 3.65 रूपये कमाए।

दिल्ली ने पेट्रोल पर 4.94 रूपये प्रति लीटर कमाए लेकिन डीजल पर वैट कम करने से उसे डीजल पर मिलने वाले प्रति लीटर लाभ में 5.69 रूपये की गिरावट हुई।

पूर्वोत्तर के मेघालय, असम नागालैंड में भी प्रति लीटर लाभ में गिरावट देखी गई। 

राजस्थान को पेट्रोलियम पदार्थों पर मिले लाभ में पिछले साल के मुकाबले 1800 करोड़ का इज़ाफा हुआ है। साल 2020-21 में उसे 15,119 करोड़ का लाभ हुआ। मध्य प्रदेश को 1,188 करोड़ का फायदा हुआ। इसकी प्रति वर्ष कमाई 10,720 से बढ़कर 11,908 करोड़ हो गई। उत्तर प्रदेश को पिछले साल के मुताबिक 1,844 करोड़ अधिक फायदा हुआ और पेट्रोलियम पदार्थों पर उसकी कमाई 21,956 करोड़ हो गई।

इस दौरान दिल्ली और महाराष्ट्र के रेवेन्यू में सिकुड़न आई। दिल्ली की पेट्रोलियम पदार्थों पर कमाई 1,180 करोड़ कम हो कर 2020-21 में 2,653 करोड़ रही जबकि महाराष्ट्र को 2021 में 25,430 करोड़ रूपये मिले जो कि 2019-20 के मुकाबले 1,361 करोड़ रूपये कम हैं। 

बता दें कि खुद सरकार को मार्च 2021 तक एक्साइज ड्यूटी से पेट्रोल पर 1,01,598 करोड़ और डीजल पर 2,33,296 करोड़ मिले हैं। 

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