दुनिया में भारत का तिरंगा लहरातीं कश्मीर की 13 वर्षीय तजामुल इस्लाम
स्टार खिलाड़ी तजामुल ने पांच साल की उम्र में किकबॉक्सिंग शुरू कर दी थी...

कश्मीर के बांदीपोरा की रहने वाली किकबॉक्सिंग चैंपियन 13 साल की तजामुल इस्लाम ने एजिप्ट (मिस्र) के क़ाहिरा शहर में आयोजित एक विश्व किकबॉक्सिंग चैंपिंयनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन किया है। कश्मीर की रहने वाली युवा चैंपियन ने जीत के बाद भारत का तिरंगा झंडा ओढ़कर खुशी मनाई और चीयरअप किया।
कश्मीर में बांदीपोरा के तारकपोरा गांव की रहने वाली तजामुल इस्लाम के पिता पेशे से ड्राइवर हैं और उन्होंने अपने दो और बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए भेजा है। इनमें एक का नाम रजिया और दूसरे मोहसिन हैं और दोनों ही तजामुल से बड़े हैं।
तजामुल ने किकबॉक्सिंग में साल 2014 में बांदीपोरा में ज़िला स्तरीय चैंपियन के साथ अपनी लंबी यात्रा की शुरुआत की। तजामुल ने राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में लोगों का ध्यान आकर्षित किया और वो 2015 में जम्मू और कश्मीर की सर्वश्रेष्ठ सेनानी घोषित की गईं। स्टार खिलाड़ी तजामुल ने पांच साल की उम्र में किकबॉक्सिंग शुरू कर दी थी। बाद में उन्होंने एक स्थानीय एकेडमी ज्वाइन कर लिया जो बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देता है। तजामुल ने नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 2015 की राष्ट्रीय किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप में सब-जूनियर कैटगरी में गोल्ड मेडल जीतकर देश में अपनी एक पहचान अर्जित की। इस जीत के बाद तजामुल को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने में मदद मिली और ऐसा करने वाली तजामुल इस्लाम पहली कश्मीरी बनीं। तजामुल ने इटली में आयोजित 2016 विश्व चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और गोल्ड मेडल जीतकर विश्व स्तर पर भारत के नाम का परचम लहराया। कश्मीर के एक छोटे से गांव से आने वाली तजामुल ने देशभर का नाम और अपने भारत के तिरंगे झंडे को दुनिया में लहराई है। युवा अचीवर देश का प्रतिनिधित्व करने के हर अवसर को पूरा कर रही हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 13 साल की तजामुल इस्लाम ने अपने छोटे से करियर में उच्च श्रेणी के 26 मेडल अपने नाम किए हैं, जिनमें 11 गोल्ड, 8 ब्रॉन्ज़ और 7 सिल्वर मेडल शामिल हैं।
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तजामुल ने किकबॉक्सिंग में साल 2014 में बांदीपोरा में ज़िला स्तरीय चैंपियन के साथ अपनी लंबी यात्रा की शुरुआत की। तजामुल ने राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में लोगों का ध्यान आकर्षित किया और वो 2015 में जम्मू और कश्मीर की सर्वश्रेष्ठ सेनानी घोषित की गईं। स्टार खिलाड़ी तजामुल ने पांच साल की उम्र में किकबॉक्सिंग शुरू कर दी थी। बाद में उन्होंने एक स्थानीय एकेडमी ज्वाइन कर लिया जो बच्चों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देता है। तजामुल ने नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 2015 की राष्ट्रीय किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप में सब-जूनियर कैटगरी में गोल्ड मेडल जीतकर देश में अपनी एक पहचान अर्जित की। इस जीत के बाद तजामुल को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने में मदद मिली और ऐसा करने वाली तजामुल इस्लाम पहली कश्मीरी बनीं। तजामुल ने इटली में आयोजित 2016 विश्व चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और गोल्ड मेडल जीतकर विश्व स्तर पर भारत के नाम का परचम लहराया। कश्मीर के एक छोटे से गांव से आने वाली तजामुल ने देशभर का नाम और अपने भारत के तिरंगे झंडे को दुनिया में लहराई है। युवा अचीवर देश का प्रतिनिधित्व करने के हर अवसर को पूरा कर रही हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 13 साल की तजामुल इस्लाम ने अपने छोटे से करियर में उच्च श्रेणी के 26 मेडल अपने नाम किए हैं, जिनमें 11 गोल्ड, 8 ब्रॉन्ज़ और 7 सिल्वर मेडल शामिल हैं।
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