तिरुपतपि के लड्डूओं पर केरल के काजू उघोग की नजर

केरल में कुछ सालों से काजू उघोग में नुकसान उठा रहे छोटे कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है. पिछले कुछ सालों से केरल के काजू उघोग पर संकट के बादल छाए हुए हैं. 90 प्रतिशत छोटे उघोग बंद हो चुके है, जिसको देखते हुए केरल स्टेट कैश्यू डेवलपमेंट कॉपोरेशन ने तिरुपति बालाजी मंदिर के लिए काजू सप्लाई करने की आंध्र प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है.
अगर ऐसा होता है तो तिरुपति मंदिर में बनने वाले लड्डू के प्रसाद के लिए केरल से काजू खरीदा जाएगा. लाखों लोगों को रोजगार देने वाला यह उघोग केरल में कई सालों से इस संकट से जूझ रहा है और अब उसे तिरुपति के लड्डूओं से उम्मीद बची है.
केरल में काजू उघोग बंद होने से करीब दो लाख मजदूर बहाल हो गए थे, जिनमें 90 प्रतिशत महिलाएं है. विश्वभर के काजू निर्यात में भारत का योगदान 65 फीसदी है. भारत से करीब 60 देशों को काजू का निर्यात किया जाता है. जिनमें अमेरिका,जर्मनी,जापान,फ्रांस आदि शामिल है. डॉयरेक्ट्रेड ऑफ कैश्यूनट कोको के अनुसार देश में करीब दस लाख हेक्टेयर जमीन पर 9.98 लाख मैट्रिक टन काजू की खेती की जाती है. वहीं केरल में करीब 84 हजार मैट्रिक टन काजू का उत्पादन होता है. वीडियो देखिये देश में काजू का उत्पादन उच्छा हो रहा है और आयात की वजह से बाजार में में काजू की भरमार है. आयात उच्छा होनो की वजह से फैक्ट्रीयों को भारी नुकसान हो रहा है जिसकी वजह से फैक्ट्रियां बंद हो रही है. महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के मुकाबले केरल में काजू का उत्पादन घटा है, वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018-19 में काजू के निर्यात में 24 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं काजू उघोग के संकट से जूझ रहे केरल को अगर तिरुपति मंदिर का कॉन्ट्रक्ट मिल जाता है तो हर महिने 90 लाख टन की सप्लाई होगी, जो केरल में बोरोजगार लोगो के लिए एक बडी राहत भरी खबर होगी.
केरल में काजू उघोग बंद होने से करीब दो लाख मजदूर बहाल हो गए थे, जिनमें 90 प्रतिशत महिलाएं है. विश्वभर के काजू निर्यात में भारत का योगदान 65 फीसदी है. भारत से करीब 60 देशों को काजू का निर्यात किया जाता है. जिनमें अमेरिका,जर्मनी,जापान,फ्रांस आदि शामिल है. डॉयरेक्ट्रेड ऑफ कैश्यूनट कोको के अनुसार देश में करीब दस लाख हेक्टेयर जमीन पर 9.98 लाख मैट्रिक टन काजू की खेती की जाती है. वहीं केरल में करीब 84 हजार मैट्रिक टन काजू का उत्पादन होता है. वीडियो देखिये देश में काजू का उत्पादन उच्छा हो रहा है और आयात की वजह से बाजार में में काजू की भरमार है. आयात उच्छा होनो की वजह से फैक्ट्रीयों को भारी नुकसान हो रहा है जिसकी वजह से फैक्ट्रियां बंद हो रही है. महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के मुकाबले केरल में काजू का उत्पादन घटा है, वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018-19 में काजू के निर्यात में 24 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं काजू उघोग के संकट से जूझ रहे केरल को अगर तिरुपति मंदिर का कॉन्ट्रक्ट मिल जाता है तो हर महिने 90 लाख टन की सप्लाई होगी, जो केरल में बोरोजगार लोगो के लिए एक बडी राहत भरी खबर होगी.
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