कर्नाटक के मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा पर ठेकेदार को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री, के.एस. ईश्वरप्पा, उनके दो सहयोगियों बसवराज और रमेश के ख़िलाफ़, 36 वर्षीय ठेकेदार संतोष के. पाटिल को कथित आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत उडुपी टाउन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पाटिल 12 अप्रैल को उडुपी के एक लॉज में मृत पाए गए थे
पुलिस में शिकायत उनके भाई प्रशांत गौडप्पा पाटिल ने दर्ज कराई है। सबसे पहले उडुपी पुलिस ने आईपीसी की धारा 176 के तहत अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था।
प्रशांत पाटिल ने कहा कि उनके भाई ने अन्य ठेकेदारों के साथ, 2020-21 में लक्ष्मी देवी मंदिर के वार्षिक मेले से पहले एक सड़क और सीवेज लाइन से संबंधित काम के लिए अपने खुद के 4 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसका अप्रूवल खुद मंत्री ने दिया था। हालांकि, उनका आरोप है कि ईश्वरप्पा के सहयोगियों बसवराज और रमेश ने परियोजना पर 40% कमीशन मांगा। प्रशांत ने ठेकेदार संघ के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई और उल्लेख किया कि 11 अप्रैल को उनके भाई ने अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था कि के.एस. ईश्वरप्पा उनके आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं। सीएम बोम्मई ईश्वरप्पा की बर्ख़ास्तगी का फैसला करने से पहले करेंगे 'बैठक' मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज संवाददाताओं से कहा कि वो आरोपी मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाने का निर्णय लेने से पहले उनके साथ "चर्चा" करेंगे। उन्होंने कहा: "घटना के संबंध में कई पहलू हैं, और ये सभी जांच के दौरान सामने आएंगे, जो बिना किसी हस्तक्षेप के निष्पक्ष तरीके से किया जा रहा है।" उन्होंने यह भी कहा: "भविष्य की कार्रवाई जांच के परिणाम पर निर्भर करती है"। कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजा प्रतिनिधिमंडल, न्यायिक जांच की मांग विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी, राज्य इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और विधान परिषद में विपक्ष के नेता बी.के. हरिप्रसाद ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग की गई थी, साथ ही आत्महत्या की न्यायिक जांच की भी मांग की गई।
प्रशांत पाटिल ने कहा कि उनके भाई ने अन्य ठेकेदारों के साथ, 2020-21 में लक्ष्मी देवी मंदिर के वार्षिक मेले से पहले एक सड़क और सीवेज लाइन से संबंधित काम के लिए अपने खुद के 4 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिसका अप्रूवल खुद मंत्री ने दिया था। हालांकि, उनका आरोप है कि ईश्वरप्पा के सहयोगियों बसवराज और रमेश ने परियोजना पर 40% कमीशन मांगा। प्रशांत ने ठेकेदार संघ के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई और उल्लेख किया कि 11 अप्रैल को उनके भाई ने अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था कि के.एस. ईश्वरप्पा उनके आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं। सीएम बोम्मई ईश्वरप्पा की बर्ख़ास्तगी का फैसला करने से पहले करेंगे 'बैठक' मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज संवाददाताओं से कहा कि वो आरोपी मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाने का निर्णय लेने से पहले उनके साथ "चर्चा" करेंगे। उन्होंने कहा: "घटना के संबंध में कई पहलू हैं, और ये सभी जांच के दौरान सामने आएंगे, जो बिना किसी हस्तक्षेप के निष्पक्ष तरीके से किया जा रहा है।" उन्होंने यह भी कहा: "भविष्य की कार्रवाई जांच के परिणाम पर निर्भर करती है"। कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजा प्रतिनिधिमंडल, न्यायिक जांच की मांग विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी, राज्य इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और विधान परिषद में विपक्ष के नेता बी.के. हरिप्रसाद ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा जिसमें ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग की गई थी, साथ ही आत्महत्या की न्यायिक जांच की भी मांग की गई।
अनुवाद: "कांग्रेस नेता के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अपील की, ग्रामीण विकास मंत्री केएस ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की, गिरफ्तार और भ्रष्टाचार और हत्या का आरोप लगाया।" ज्ञापन में कहा गया है कि मृतक एक "निर्दोष था, जिसने श्री ईश्वरप्पा और उनके सहयोगियों पर आँख बंद करके विश्वास किया था, [जिन्होंने] अधिकारियों के आदेश के बिना ₹4 करोड़ के अनुमानित 108 से ज़्यादा कार्यों को अंजाम दिया, और […] विकट परिस्थितियों का शिकार हुए।"40% ಕಮಿಷನ್ಗಾಗಿ ಗುತ್ತಿಗೆದಾರ ಸಂತೋಷ್ ಪಾಟೀಲ್ ಆತ್ಮಹತ್ಯೆಗೆ ಕಾರಣರಾಗಿರುವ ಗ್ರಾಮೀಣಾಭಿವೃದ್ಧಿ ಸಚಿವ ಕೆ.ಎಸ್ ಈಶ್ವರಪ್ಪ ಅವರನ್ನು ಸಚಿವ ಸಂಪುಟದಿಂದ ವಜಾಗೊಳಿಸಿ, ಅವರನ್ನು ಬಂಧಿಸಿ ಭ್ರಷ್ಟಾಚಾರ ಹಾಗೂ ಕೊಲೆ ಪ್ರಕರಣ ದಾಖಲಿಸಬೇಕು ಎಂದು ಆಗ್ರಹಿಸಿ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಮುಖಂಡರ ನಿಯೋಗ ರಾಜ್ಯಪಾಲರಿಗೆ ಮನವಿ ಸಲ್ಲಿಸಿತು. pic.twitter.com/dM6AQBvtPY
— Karnataka Congress (@INCKarnataka) April 13, 2022
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